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Global Winter School 2025, a unique blend of academics, cultural exchange and community engagement, concludes successfully in Rajasthan
भारत

शैक्षणिक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामुदायिक सहभागिता के अनूठे मिश्रण ग्लोबल विंटर स्कूल 2025 का राजस्थान में सफलतापूर्वक समापन

कल्चरल ब्रिज द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का चौथा संस्करण ग्लोबल विंटर स्कूल 2025, शानदार ढंग से सफलता के साथ संपन्न हुआ। राजस्थान के जोधपुर विरासत से समृद्ध शहर पाली में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत, जर्मनी, तुर्की और क्रोएशिया सहित दुनिया भर से 15 प्रतिभागी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में असमानताओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण थीम पर केंद्रित सांस्कृतिक विसर्जन, अकादमिक अन्वेषण और क्षेत्र जुड़ाव जैसे विषयों के लिए परिवर्तनकारी मंच प्रदान किया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात विद्वानों और उद्योग जगत की अग्रणी हस्तियों के ज्ञानवर्धक व्याख्यानों से हुई। कार्यक्रम में, डॉ. वैनेसा मैटिजासिक, डॉ. माइकल किनविले, प्रो. सुरिंदर जोधका, संतोष कुमार, कर्नल निधिश भटनागर, हरीश सदानी, समीर गहलोत और वैभव भंडारी ने अपने विचार रखे। सामाजिक असमानता, आर्थिक विषमता और वंचितों जैसे जटिल विषयों को व्यापक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से समझने का प्रयास किया गया और प्रतिभागियों के लिए गांवों में फील्ड विजिट के दौरान अकादमिक सिद्धांतों को वास्तविक दुनिया की अंतर्दृष्टि से जोड़ने की आधारशिला रखी गई।

रामासिया, एंडला, गुडा और डिगई जैसे गांवों का दौरा किया गया साथ ही स्थानीय लोगों से मुलाकात क्षेत्र सहभागिता घटक मुख्य आकर्षण रहा। प्रतिभागियों ने रामासिया में सिरेमिक शिल्पकला की समृद्ध परंपराओं को जाना और कुम्हार समुदाय के सामने आने वाली सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। गुडेंडला में, गांव के सरपंच के साथ चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें जमीनी स्तर पर शासन, शिक्षा और ग्रामीण समुदायों की आकांक्षाओं के बारे में मूल्यवान जानकारी निकलकर सामने आई। स्वावलंबन फाउंडेशन के दौरे ने दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने और उनकी अलग प्रकार की चुनौतियों का समाधान करने के बारे में एक प्रेरक दृष्टिकोण प्रदान किया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय राजेंद्र कुमार के साथ बातचीत भी कार्यक्रम का उल्लेखनीय क्षण रहा, उन्होंने समानता और न्याय को बढ़ावा देने में न्यायपालिका की भूमिका के बारे में जानकारी साझा की। सांस्कृतिक आयाम जोड़ते हुए, विरासत के खजाने की खोज कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को पाली की समृद्ध परंपराओं, व्यंजनों और स्थानीय संस्कृति का पता लगाने, सौहार्द को बढ़ावा देने और क्षेत्र की विविधता को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया। ग्लोबल विंटर स्कूल 2025 की ताकत, सार्थक संवाद को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता में निहित है। प्रतिभागियों ने सामाजिक असमानता, आर्थिक विभाजन और सांस्कृतिक बारीकियों पर विचारों का जीवंत आदान-प्रदान करते हुए कारीगरों, बच्चों, नीति निर्माताओं और ग्रामीणों के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान वैश्विक चुनौतियों की परस्पर संबद्धता और सहयोगी समाधानों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम के इस संस्करण की सफलता आयोजन दल के समर्पित प्रयासों से प्रेरित थी: डॉ. विष्णु रामदेव, लिली ट्रेब्स, प्रांजल श्रीवास्तव, अनिका वशिष्ठ और निहारिका रायज़ादा की अटूट प्रतिबद्धता ने बिना किसी रुकावट के इसकी सफलता को सुनिश्चित किया। यह कार्यक्रम, बौद्धिक अन्वेषण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रतिभागियों के बीच अपने-अपने क्षेत्रों में असमानताओं को दूर करने के लिए नई प्रतिबद्धता की विरासत का रूप है।

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