भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा 13 मार्च, 2024 के राजपत्र अधिसूचना 1334 (ई) के माध्यम से शुरू की गई इलेक्ट्रिक परिवहन प्रोत्साहन योजना 2024 (ईएमपीएस 2024) का उद्देश्य पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देना है। ईएमपीएस योजना मूल रूप से 500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 1 अप्रैल, 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक चलने वाली थी। इस योजना को दो और महीने यानी 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इसका परिव्यव भी 778 करोड़ कर दिया गया है।
इसका उद्देश्य भारत सरकार की हरित पहल को आगे बढ़ाना और देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहन देना है।
पात्र इलैक्ट्रिक वाहन श्रेणियां
आम जनता के लिए किफायती और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का विकल्प प्रदान करने पर अधिक बल देते हुए, योजना मुख्य रूप से उन ई-2डब्ल्यू और ई-3डब्ल्यू पर लागू होगी जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पंजीकृत हैं। इसके अलावा, वाणिज्यिक उपयोग के अलावा, निजी या कॉर्पोरेट स्वामित्व वाले पंजीकृत ई-2डब्ल्यू भी योजना के अंतर्गत पात्र होंगे।
योजना का घटकवार बढ़ा हुआ परिव्यय इस प्रकार है
| घटक | विवरण | 6 माह के लिए कुल निधि की आवश्यकता (करोड़ रुपये में) |
| सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन | इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर (ई-2 व्हीलर) और इलेक्ट्रिक 3व्हीलर के लिए प्रोत्साहन जिसमें पंजीकृत ई-रिक्शा और ई-कार्ट और एल5 (ई-3व्हीलर) शामिल हैं | 769.65 |
| योजना का प्रशासनिक व्यवस्था | जिसमें आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां और परियोजना प्रबंधन एजेंसी के लिए शुल्क शामिल है | 8.35 |
| कुल | 778.00 |
संशोधित लक्ष्य संख्या
योजना का लक्ष्य अब 560,789 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को सहायता प्रदान करना है, जिसमें 500,080 इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई-2डब्ल्यू) और 60,709 इलेक्ट्रिक तिपहिया (ई-3डब्ल्यू) शामिल हैं। इसमें 13,590 रिक्शा और ई-कार्ट, साथ ही एल5 श्रेणी में 47,119 ई-3डब्ल्यू शामिल हैं। उन्नत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए, प्रोत्साहन केवल उन्नत बैटरी से सुसज्जित ईलेक्ट्रिक वाहन के लिए उपलब्ध होंगे। यह योजना फंड सीमित है और इलेक्ट्रिक वाहन भी प्रत्येक परिभाषित श्रेणी के लिए लक्षित संख्या तक ही सीमित हैं।
आत्मनिर्भर भारत
यह योजना देश में एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और सुगम इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहन देती है, जिससे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है। इस उद्देश्य के लिए, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को अपनाया गया है जो घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करता इलेक्ट्रिक वाहन की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करता है। इससे मूल्य श्रृंखला के साथ-साथ महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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