सरकार ने इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान का नेतृत्व किया
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 11 फरवरी, 2025 को मनाए गए सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान की अगुवाई की । ‘एक साथ एक बेहतर इंटरनेट के लिए’ थीम के तहत आयोजित इस अभियान का उद्देश्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को साइबर स्वच्छता, ऑनलाइन सुरक्षा विधियों और उभरते साइबर खतरों के बारे में शिक्षित एवं संवेदनशील बनाना था। यह पहल एनआईसी, एनआईएक्सआई, सी-डीएसी, एनआईईएलआईटी, माई गोव, एनईजीडी और विभिन्न भागीदार संस्थानों के सहयोग से सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने अपने व्यापक डिजिटल बुनियादी ढांचे और संचार नेटवर्क के माध्यम से व्यापक पहुंच प्रयासों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साइबर जागरूकता अभियान
इस व्यापक अभियान के तहत 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 599 जिलों, 493 ब्लॉक/तहसीलों और 134 ग्राम पंचायतों में 1,521 जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें 3.08 लाख से ज़्यादा लाभार्थी शामिल हुए। इन कार्यशालाओं में साइबर खतरे को कम करने, डिजिटल सुरक्षा के सर्वोत्तम अभ्यास और ज़िम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया। इसके अलावा, जागरूकता को और मज़बूत करने के लिए विशेषज्ञ वार्ता, प्रश्नोत्तरी और प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई।
डिजिटल लचीलेपन को बढ़ावा देना
व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, 11 प्रमुख भारतीय भाषाओं में अखिल भारतीय स्तर पर प्रचार संदेश और विशेषज्ञ साक्षात्कार प्रसारित किए गए, जिसमें साइबर स्वच्छता विधियों, सामान्य साइबर खतरों और टोल-फ्री राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर (1930) के माध्यम से साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए उपयुक्त तंत्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया। इन संदेशों को एफएम स्टेशनों, प्रसार भारती और विविध भारती नेटवर्क के माध्यम से प्रसारित किया गया, जिससे अनुमानित 2.27 करोड़ श्रोताओं तक पहुंच प्राप्त हुई। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर, माई गोव, एनआईसी और आईएसईए टीमों के नेतृत्व में सोशल मीडिया आउटरीच ने 680 रचनात्मक पोस्ट के माध्यम से 5.49 लाख से अधिक इंप्रेशन और 63.57 लाख व्यू प्राप्त किए।
‘डिजिटल हाईवे की दिशा में कदम: अपनी ऑनलाइन यात्रा को सुरक्षित रखना’ शीर्षक से एक ऑनलाइन जागरूकता कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें 1,217 प्रतिभागियों ने डिजिटल सुरक्षा पर चर्चा की। इस सत्र में प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ साइबर सुरक्षा विधियों के बारे में जागरूक किया गया और PIC2MAP, deviceinfo.me, coveryourtracks.eff.org, stopNCII.org, SecureEraser ऐप आदि जैसे व्यावहारिक सुरक्षा टूल्स का प्रदर्शन भी किया गया। यह ऑनलाइन सामग्री की प्रामाणिकता को सत्यापित करने, पहचान धोखाधड़ी को रोकने, डिवाइस फिंगरप्रिंट का विश्लेषण करने और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित करने में मदद करते हैं। कार्यशाला को समकालीन साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में इसके व्यावहारिक दृष्टिकोण और प्रासंगिकता के लिए प्रतिभागियों द्वारा बहुत सराहा गया।
आईएसईए के बारे में
सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) परियोजना को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है। इसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता को मजबूत करना और सूचना सुरक्षा में कुशल मानव संसाधन का निर्माण करना है। हाल ही में स्वीकृत आईएसईए चरण-तीन (अक्टूबर 2023) का उद्देश्य पांच वर्षों में साइबर सुरक्षा में 2.25 लाख को प्रशिक्षित व्यक्तियों करना है। इसमें 45,000 कुशल और प्रमाणित साइबर सुरक्षा पेशेवर (सीआईएसओ, डिप्टी सीआईएसओ और इच्छुक) और औपचारिक एवं अनौपचारिक पाठ्यक्रमों में 2.3 लाख छात्र और शोधकर्ता शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना का उद्देश्य साइबर जागरूक डिजिटल नागरिक अभियान के तहत जन जागरूकता पहलों के माध्यम से विविध पृष्ठभूमि-स्कूली बच्चों, शिक्षकों, कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों, एमएसएमई और गैर सरकारी संगठनों से 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को शामिल करना है।