सरकार ने म्यांमार से दालों के आयात से संबंधित मुद्दों पर यांगून में भारतीय मिशन के साथ बैठक की
उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव निधि खरे ने 15 अप्रैल, 2024 से ऑनलाइन स्टॉक निगरानी के संचालन के लिए दाल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ सिलसिलेवार बातचीत के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दालों के वायदा व्यापार में संलिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति से आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कड़ाई से निपटा जाएगा।
तथ्यों की अतिरिक्त पुष्टि के लिए स्टॉक की स्थिति के संबंध में उद्योग जगत से प्राप्त फीडबैक और बाजार के विभिन्न प्रतिभागियों से जानकारी एकत्र की गई है।
उन्होंने म्यांमार से दालों के आयात के संबंध में संशोधित विनिमय दरों और म्यांमार में आयातकों द्वारा रखे गए स्टॉक के मद्देनजर आयात की कीमतों जैसे मुद्दों पर यांगून में भारतीय मिशन के साथ भी चर्चा की। भारतीय मिशन ने बताया कि कारोबारी लेनदेन को सरल और अधिक कुशल बनाने के लिए रुपया क्यात निपटान तंत्र 25 जनवरी, 2024 से चालू कर दिया गया है। सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमार ने स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट (एसआरवीए) के तहत भुगतान प्रक्रियाओं के लिए 26 जनवरी, 2024 को दिशानिर्देश जारी किए हैं। नया तंत्र समुद्र और सीमा व्यापार दोनों और वस्तुओं के साथ-साथ सेवाओं के व्यापार पर भी लागू होगा। व्यापारियों द्वारा तंत्र को अपनाने से मुद्रा रूपांतरण से संबंधित लागत में कमी आएगी और कई मुद्रा रूपांतरणों की आवश्यकता को समाप्त करके विनिमय दरों से संबंधित जटिलताओं को समाप्त कर दिया जाएगा।
इस तंत्र के संचालन के बारे में व्यापारिक समुदायों विशेषकर दालों के आयातकों के बीच अलग से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसमें उनसे पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से एसआरवीए का उपयोग करके रुपया/क्यात प्रत्यक्ष भुगतान प्रणाली का उपयोग करने का अनुरोध किया जा रहा है।
आयातकों और उद्योग जगत के अन्य प्रतिभागियों जैसे मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों, खुदरा विक्रेताओं आदि से https://fcainfoweb.nic.in/psp/ पोर्टल पर 15 अप्रैल, 2024 से साप्ताहिक आधार पर आयातित पीली मटर सहित दालों के अपने स्टॉक की ईमानदारी से घोषणा करने को कहा गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी सभी स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं द्वारा साप्ताहिक स्टॉक प्रकटीकरण लागू करने और उनके द्वारा घोषित स्टॉक को सत्यापित करने को कहा गया है। प्रमुख बंदरगाहों और दाल उद्योग केंद्रों में स्थित गोदामों में स्टॉक को समय-समय पर सत्यापित किया जाना चाहिए और स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल पर गलत जानकारी देने वाली स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।