स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सर्पदंश के मामलों और उससे होने वाली मौतों को राज्य लोक स्वास्थ्य अधिनियम और अन्य प्रावधानों के तहत ‘अधिसूचित रोग’ की श्रेणी में रखने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर, इस बात पर जोर दिया है कि सर्पदंश गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने बताया कि सर्पदंश की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों को आधा करने का लक्ष्य रखा गया है। सुश्री श्रीवास्तव ने कहा है कि सर्पदंश की घटनाओं का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सर्पदंश की घटनाओं की निगरानी के लिए यह जरूरी है कि इस तरह की सभी घटनाओं को दर्ज किया जाए।
प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाले से जुडे मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री…
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में गृह मंत्रालय (MHA) के सीमा प्रबंधन…
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्धों में जीत सुनिश्चित करने…
भारत और वैश्विक दूरसंचार समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में 3जीपीपी रेडियो…
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान तीन राज्यों में ग्रामीण स्थानीय निकायों के…
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मीडिया में आई उन खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है…