प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले राज्यों, बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और केन्द्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इसी के तहत, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति (HLC) ने बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी को 1280.35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी है।
उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) से तीन राज्यों को 1247.29 करोड़ रुपये और एक केंद्रशासित प्रदेश को 33.06 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी, जो राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) में उपलब्ध वर्ष के लिए प्रारंभिक शेष राशि के 50% के समायोजन के अधीन है। 1280.35 करोड़ रुपये की कुल राशि में से बिहार के लिए 588.73 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश के लिए 136.22 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के लिए 522.34 करोड़ रुपये और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए 33.06 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
यह अतिरिक्त सहायता केन्द्र द्वारा राज्यों को SDRF और केंद्रशासित प्रदेश आपदा मोचन कोष (UTDRF) में जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केन्द्र सरकार ने SDRF के तहत 28 राज्यों को 20,264.40 करोड़ रुपये और NDRF के तहत 19 राज्यों को 5,160.76 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) से 19 राज्यों को 4984.25 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से 08 राज्यों को 719.72 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार ने औपचारिक ज्ञापन प्राप्त होने की प्रतीक्षा किए बिना, आपदाओं के तुरंत बाद इन राज्यों में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (IMCTs) को भेज दिया था।
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