आज हिंदी दिवस है। इसी दिन वर्ष 1949 में संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। आज, हिंदी दुनिया की सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और 52 करोड़ से ज़्यादा लोगों की पहली भाषा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदी दिवस के अवसर पर आज राष्ट्र को हार्दिक शुभकामनाएं दी और हिंदी को भारत की पहचान और संस्कारों की जीवंत धरोहर बताते हुए हिंदी के सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नागरिकों से सभी भारतीय भाषाओं को समृद्ध बनाने और उन्हें गर्व के साथ आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर, गृह मंत्री अमित शाह आज गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में पाँचवें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। हमारी संवाददाता ने बताया कि सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहेंगे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के सात हजार से अधिक अधिकारी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के दौरान अनेक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिनमें से एक विशेष सत्र ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी होगा। राजभाषा विभाग की सचिव अंशुली आर्या ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच समरसता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भारतीय’ नामक एक बहुभाषी अनुवाद उपकरण समेत कई नई पहलों का शुभारंभ किया जाएगा।
सभी भाषाओं में समरसता हो इसके लिए माननीय गृहमंत्री जी लगातार कार्यरत हैं। इसके अलावा एक बहुभाषी टूल भारतीय टूल का लोकार्पण किया जाएगा। एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद बहुत अधिक सरल हो जाएगा।
विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने आज हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हिन्दी देश की संस्कृति और परम्पराओं में वैश्विक रूचि बढ़ाने का महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने विश्व में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में लगे भाषाविदों और हिंदी उत्साहियों को बधाई दी।