insamachar

आज की ताजा खबर

Home Minister Amit Shah addressed the celebrations organised in Patna to mark the 150th anniversary of the national song Vande Mataram
भारत मुख्य समाचार

गृह मंत्री अमित शाह ने पटना में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित उत्सव को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज बिहार की राजधानी पटना में आयोजित उत्सव को संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वदेशी संकल्प पत्र का सामूहिक पाठ भी किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज का दिन भारतीय चेतना की जागृति का दिन है क्योंकि 150 वर्ष पहले आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने वंदे मातरम गीत लिखा था। उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र जी ने इस गीत की रचना कर राष्ट्रीय चेतना का एक महामंत्र देश को देने का काम किया जो आगे चलकर भारत की आज़ादी का उद्घोष और सूत्र बना। आज़ादी के बाद यह गीत देश को जोड़ने का कारण भी बना। अमित शाह ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने महान भारत के लिए जो स्वप्न देखे थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 11 साल में उन स्वप्नों को पूरा करने के लिए देश के सामूहिक प्रयास से कई काम हुए हैं।

अमित शाह ने कहा कि आज वंदे मातरम के सामूहिक गान के साथ ही एक साल तक भारत की चेतना की पुनर्जागृति का चरणबद्ध प्रयास शुरु हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन वंदे मातरम के मंत्र और उसमें निहित भाव के अनुरूप हो इसके लिए पूरे राष्ट्र में एक साथ अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान फिजिकल के साथ-साथ डिजिटल स्वरूप में भी चलाया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि ‘#VandeMataram150’ नाम से सोशल मीडिया पर हर भाषा में एक अभियान चलाया जाएगा जिसमें सभी क्षेत्रीय भाषाओं में वंदे मातरम लिखकर राष्ट्रीय़ एकता को सुदृढ़ करने का प्रय़ास किया जाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ’वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार ने कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। साथ ही कई राजनीतिक दलों, स्वंयसेवी संगठनों और देश की चेतना की पुनर्जागृति के महोत्सव में हिस्सा लेने वाले लोगों ने भी कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम एक प्रकार से आनंद मठ नवलकथा का एक हिस्सा है, जो बाद में आज़ादी के आंदोलन का उद्घोष बना। अमित शाह ने कहा कि 1936 में बर्लिन ओलंपिक में हॉकी फाइनल से पहले हमारी हॉकी टीम ने सामूहिक वंदे मातरम गाया तब ही यह निश्चित हो गया कि जब भी हमारा देश आजाद होगा, उस वक्त यह गीत एक राजनीतिक सूत्र की जगह पूरे देश को एक रखने औऱ देशभक्ति को हमेशा जगाए रखने का प्रेरणा स्रोत बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को सरदार पटेल के आग्रह पर पंडित ओंकारनाथ ठाकुर ने पूरा वंदे मातरम गाकर आजाद भारत के हृदय के पहले स्पंदन को झंकृत करने का काम किया था। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक में बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी ने वंदे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में स्वीकार कर देश के लिए वंदे मातरम को सम्मान के साथ स्वीकार करनी का रास्ता प्रशस्त किया था। उन्होंने कहा कि वहीं से वंदे मातरम हम सबके लिए एक राष्ट्र चेतना का गान बना है और आज इसके 150वें वर्ष का पर्व है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वंदे मातरम जब लिखा गया हमें उस कालखंड को भी समझना होगा। 1875 में मुगलों की लंबी गुलामी के बाद अंग्रेज़ों के शासन का कालखंड बना। उस वक्त प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी विफल हो चुका था औऱ पूरे देश के मन में आँशंका थी कि क्या हमारी राष्ट्रीय चेतना दोबारा जागृत होगी। अमित शाह ने कहा कि उस वक्त बंकिम बाबू ने राष्ट्रीय चेतना का यह महागान गाया, जो हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पहला उद्घोष बना। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम से यह स्पष्ट होता है कि भारत कोई ज़मीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक विचार और संस्कृति है जो सब भारतीयों को बांधकर और जोड़कर रखती है।

अमित शाह ने कहा कि हमारी पार्टी ने हमेशा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर बल दिया है और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की परिकल्पना की चेतना वंदे मातरम गीत से ही मिली होगी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के हमारे कई दीवाने वंदे मातरम बोलते हुए हँसते-हँसते फांसी के फंदे पर झूल गए। आज उन सभी महान आत्माओं की इच्छा और कल्पना का भारत बनाने का समय आ गया है। अमित शाह ने कहा कि आज से 2047 तक का समय वंदे मातरम गीत से प्रेरणा लेकर महान भारत की रचना का समय है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी दिल्ली में वंदे मातरम के सामूहिक गान में सम्मिलित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय पर हम सबने यह निश्चित किया है कि वंदे मातरम की 150वीं जयंती के दिन हम स्वदेशी के लिए भी समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की रचना स्वदेशी के बिना संभव ही नहीं है। अमित शाह ने आह्वान किया कि ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं जयंती पर देशवासी स्वदेशी को अपनाने का संकल्प लें। गृह मंत्री ने कहा कि हम सब यह संकल्प लेकर 2047 तक भारत को एक महान राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया में शामिल हों और आज एक बार फिर भारत माता को अपना जीवन समर्पित करने का संकल्प लें।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *