insamachar

आज की ताजा खबर

Home Minister Amit Shah announced a government plan to form a cooperative organization for drivers
भारत

गृह मंत्री अमित शाह आज गुजरात में विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुजरात में विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अमित शाह ने गांधीनगर में हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स सेंटर का शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने नागरिक केंद्रित सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी के लिये गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और कॉमन सर्विस सेंटर के मध्य समझौता ज्ञापन कार्यक्रम को भी संबोधित किया।

इससे पहले, केन्द्रीय गृह मंत्री ने गुजरात बार काउंसिल द्वारा आयोजित नव-निबंधित अधिवक्ताओं का शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के ‘स्वर्णिम शताब्दी समापन महोत्सव’ को भी संबोधित किया। इसके अलावा अमित शाह ने अहमदाबाद में सस्तु साहित्य मुद्रणालय ट्रस्ट द्वारा पुनर्मुद्रित पुस्तकों का विमोचन किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने अहमदाबाद में आचार्य भगवंत श्री बुद्धि सागर सुरिश्वर महाराज की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में ₹150 के सिक्के का विमोचन भी किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर में हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स सेंटर के शिलान्यास और गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और कॉमन सर्विस सेंटर के बीच समझौता ज्ञापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए में कहा कि आज दो सुविधाएं गांधीनगर के नागरिकों और देशभर के दिव्यांग खिलाडियों के लिए शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के हर वर्ग और तबके का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे नई शिक्षा नीति लाकर भारत के विद्यार्थियों के लिए ग्लोबल कोर्स शुरू करना हो, भारत में स्टार्टअप शुरू कर देश को विश्व के सबसे अधिक स्टार्टअप वाले देशों के क्रम में तीसरे स्थान पर लाना हो, भारत के अर्थतंत्र को विश्व में पांचवे स्थान पर लाना हो या भारत में कृषि विकास में नये उत्साह के साथ काम करना हो, हर क्षेत्र में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले दस वर्ष में देश ने नये आयाम स्थापित किए हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज डिपार्टमेन्ट ऑफ साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी और सीएससी के डिजिटल सेवा पोर्टल का समावेश हुआ है। उन्होंने कहा कि अब कुल मिलाकर राज्य और केन्द्र की 300 से अधिक सेवाएँ नागरिकों को घर के पास सीएससी सेन्टर से प्राप्त हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि आधार, कार्ड, पैन कार्ड, रेलवे, बस, विमान टिकट, होटल बुकिंग, प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन, जाति प्रमाणपत्र, राशनकार्ड, स्कॉलरशिप अप्लाई करनी हो या जन्म-मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करवाना हो – किसी काम के लिए अब नागरिकों को घर से दूर नहीं जाना पडेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानमंत्री मोदी जी के डिजिटल इन्डिया मिशन को गति मिलेगी और देश में डिजिटल सर्विस ग्रासरूट लेवल पर ले जाने का काम होगा।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अनेक कार्य हुए है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक और गति से 5जी सेवाओं का रोलआउट भारत में हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैन्ड कनेक्टिविटी कार्यक्रम पर काम हुआ है। अमित शाह ने कहा कि 2,14,000 ग्राम पंचायत आज भारत नेट के माध्यम से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक वाईफाई हॉटस्पॉट बनाये गए हैं और ग्यारह लाख पचास हज़ार से अधिक फाईबर टू द होम कनेक्शन देने का काम पूरा हो गया है। अमित शाह ने कहा कि ये सारी सुविधायें सस्ती भी हुई हैं। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने, उस वक्त 1 जीबी डेटा की कीमत देश में 270 रूपये थी और आज 1 जीबी डेटा की कीमत सिर्फ 9 रूपये है। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाईल ब्रॉडबैन्ड स्पीड 1.30 एमबीपीएस थी, जो आज बढ़कर 96 एमबीपीएस हो गई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन, मनोरंजन, व्यापार बढ़ाने, बैंकिंग सुविधाएं, डिजिटल शिक्षा में आगे बढ़ना आदि जैसे हर क्षेत्र में देश के युवाओं और नागरिकों के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने सुविधाएं और सुलभता उपलब्ध करवाई हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां लगभग सवा तीन सौ करोड़ रूपए की लागत से पैरा हाई पर्फॉर्मेंस स्पोर्टस सेन्टर का भूमिपूजन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे पैरा एथलीट्स को विश्वस्तरीय सुविधाएं और राज्यस्तरीय, देशस्तरीय और विश्वस्तरीय स्पर्धाओं के लिए उत्तम इन्फ्रास्ट्रक्चर मिले, इसके लिए सभी सुविधाएं इस केन्द्र में उपलब्ध होंगी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने सम्मानजनक शब्द ‘दिव्यांग’ देकर सभी दिव्यांगों में आत्मविश्वास भरने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि इस पहल के बाद दिव्यांगों ने भी हर क्षेत्र में अपना प्रदर्शन बढ़ाया और आज पूरे विश्व में सबसे अच्छी परफॉर्मेंस हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों की होती है।

अमित शाह ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के लिए यह हाई परफॉर्मेंस सेन्टर बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने खेले गुजरात और अब प्रधानमंत्री के रूप में उनके द्वारा दिए गए स्पोर्ट्स फॉर ऑल के मंत्र को साकार करने के लिए भूपेन्द्र पटेल जी की सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आज गुजरात, देशभर में सबसे ज्यादा स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर वाला राज्य बन गया है। अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2036 के ओलम्पिक खेल मोटेरा स्टेडियम के पास सरदार पटेल स्पोर्ट्स संकुल में आयोजित करने का है और इसके लिए गुजरात सरकार ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार ने स्पोर्ट्स के लिए अनेक पहल की हैं। उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने खेले गुजरात और अब प्रधानमंत्री के रूप में उनके द्वारा दिए गए स्पोर्ट्स फॉर ऑल के मंत्र को साकार करने के लिए भूपेन्द्र पटेल जी की सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात, देशभर में सबसे ज्यादा स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि मोटेरा, विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम – नरेन्द्र मोदी स्टेडियम और उसके पास सरदार पटेल स्पोर्ट्स संकुल बननेवाला है, जिसमें दस से अधिक स्टेडियम बनेंगे। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2036 के ओलम्पिक खेल हमारे मोटेरा स्टेडियम के पास सरदार पटेल स्पोर्ट्स संकुल में आयोजित करने का हमारा लक्ष्य है और इसके लिए गुजरात सरकार ने सारी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात को स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2002 में जब नरेन्द्र मोदी जी मुख्यमंत्री बने, तब वार्षिक बजट सिर्फ ढ़ाई करोड रूपए था और आज वह बजट बढ़कर 352 करोड़ रूपए कर दिया गया है।

गुजरात बार काउंसिल द्वारा आयोजित नव-निबंधित अधिवक्ताओं के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम दो प्रकार से ऐतिहासिक है। आज 11 हजार युवा वकील संविधान की सुरक्षा और नागरिकों को न्याय दिलाने के कार्य के साथ व्यवसायिक रूप से जुड़ रहे हैं और एक ही छत के नीचे 11 ग्यारह हजार वकीलों को इकट्ठा होना अपने आप में ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि वकालत केवल एक व्यवसाय ही नहीं है बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी है। यह पवित्र जिम्मेदारी संविधान और लोकतंत्र को मजबूत बनाने और देश की 140 करोड़ जनता की संपत्ति, शरीर और सम्मान की रक्षा के लिए संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का निर्वहन करने की है। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में एक छोटी सी भूल किसी के जीवन को अंधकारमय बना सकती है।

अमित शाह ने कहा कि आज यहां उपस्थित 11 हज़ार वकील ऐसे समय में संविधान की सुरक्षा की प्रक्रिया के साथ जुड़ने जा रहे है जब हमारे संविधान ने अपने 75 वर्ष पूर्ण किये है। उन्होंने कहा कि भारत की संसद ने तीन नए आपराधिक कानून पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता, संविधान निर्माण और देश के विकास में वकीलों का योगदान सदैव उत्तम रहा है। अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की ओर देखने से पता चलता है कि लाला लाजपतराय, बालगंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, भूलाभाई देसाई, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेन्द्र बाबू हो या डॉ. आंबेडकर, ये सभी स्वयं पेशे से वकील ही थे। स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माण में मुख्य भूमिका निभाने वाले ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर, संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले डॉ. के.एम. मुंशी भी प्रतिष्ठित वकील ही थे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने एक दूरदर्शी, पारदर्शी और समावेशी संविधान बनाया है और इसकी रक्षा, सुचारू निर्वहन की जिम्मेदारी के साथ आज 11 हज़ार वकील जुड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वकीलों का इतना बड़ा मोबिलाईजेशन गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरे देश में पहले कभी नहीं हुआ होगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, तीनों क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियों से जोड़ा है। सामाजिक न्याय के तहत मोदी जी ने ट्रिपल तलाक समाप्त कर पहली बार मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिलवाया। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्किल बेस्ड और मातृभाषा में शिक्षा से हमारे युवाओं, किशोरों को शिक्षा का अधिकार दिया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के माध्यम से दशकों से प्रताडना झेल रहे लोगों को नागरिकता का अधिकार दिया।

अमित शाह ने कहा कि देश की जनता का कानून व्यवस्था में आज तक विश्वास अक्षुण्ण है पर न्याय मिलने में देरी से यह विश्वास लंबे समय तक नहीं टिका रह सकता। उन्होंने कहा कि इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने न्याय केन्द्रित और समय पर न्याय दिलाने के लिए तीन नये अपराधिक कानून बनाए। उन्होंने कहा कि 1860 में बने हुआ इन्डियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसिजर कोड और इन्डियन एविडेन्स एक्ट के बदले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय संसद ने पारित किया और पूरे देश की न्यायिक प्रक्रिया आज इन कानूनों के आधार पर काम कर रही है।

अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद एफ.आई.आर. रजिस्टर्ड होने के बाद तीन साल के अंदर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिले, ऐसी व्यवस्था कानून में की गई है। अनेक प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाकर समयसीमा निर्धारित की है, छोटे-बड़े केसों में समरी-ट्रायल के माध्यम से जल्दी से पूरे करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि तकनीक का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकार्ड की नई परिभाषाओं को कानून में समाहित किया गया है। एफआईआर, केस दाखिल करने से लेकर, चार्जशीट से जजमेन्ट तक की पूरी व्यवस्था को डिजिटाईज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सात साल से अधिक की सज़ा के गुनाहों में फोरेन्सिक साइंस लेबोरेटरी की विज़िट अनिवार्य कर दी गई।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मॉब लिन्चिंग, देशद्रोह, कम्यूनिटी सर्विस और आतंकवाद जैसी नई परिभाषाओं को जोड़ने का काम हमने किया है। उन्होंने कहा कि दो साल बाद देश के किसी भी कोने से एफ.आई.आर होगी तो तीन साल तक सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के ‘स्वर्णिम शताब्दी समापन महोत्सव’ में अपने संबोधन में कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में कम्प्यूटराइज़ेशन, पारदर्शिता और ऋण देने की व्यवस्था में सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निरंतर मॉनीटरिंग और किसानों की चिंता करने के साथ ही आज ये बैंक शून्य एनपीए में है, जो हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि अपने 100 साल के इतिहास में अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक ने अहमदाबाद जिले के लाखो किसानो और पशुपालको की कई पीढ़ियों के जीवन में समृद्धि लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में इस बैंक ने शत-प्रतिशत ई-बैंकिंग जैसे कई नए क्षेत्रों में प्रवेश किया है, जिसके कारण बैंक के जमाकर्ताओं का विश्वास बढ़ा है। अमित शाह ने कहा कि बैंक की पहुंच बढ़ाने का माध्यम प्रचार नहीं बल्कि सेवा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, सेवा और सहकार के तीनों क्षेत्रों में अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक ने बहुत काम किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र की मांग थी कि एक अलग सहकारिता मंत्रालय बने और देश में सहकारिता अभियान को आज के समय के अनुकूल बनाया जाय। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मांग को पूरा करते हुए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और मंत्रालय ने आज तक 60 से अधिक पहल की हैं।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने तय किया है कि 5 वर्ष में 2 लाख कोओपरेटिव सोसायटी बनानी हैं और देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होंगी जहाँ प्राथमिक सहकारी समिति न हो। उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के लिए मॉडल बायलॉज बनाकर अनेक प्रकार की गतिविधियों को इनके साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद की 572 सहकारी समितियों में से हर एक समिति को हमारी तीन बहुद्देश्यीय राष्ट्रीय सहकारी समितियों का सदस्य बनना चाहिए और इस दिशा में अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक को काम करना चाहिए।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर ड्राइवरों की एक राष्ट्रीय कोओपरेटिव टैक्सी मेनेजमेन्ट संस्था भी हम बनाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हमने भारत में कुल बीज उत्पादन का 25 प्रतिशत हिस्सा कोऑपरेटिव क्षेत्र से हो, ऐसा लक्ष्य भी तय किया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में सहकारिता क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है और इसमें अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक जैसी संस्थाओ को आगे बढ़कर बड़ा योगदान देना है।

अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में हो रहे इतने सारे सुधारों के साथ-साथ हमें अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक को अधिक प्रासंगिक बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक की उपयोगिता के साथ-साथ अहमदाबाद जिले के नागरिको का इससे जुडाव और उनका विश्वास इस बैंक में हो, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आनेवाले 100 वर्ष के बाद इस बैंक का द्विशताब्दी समारोह मनाया जायेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में सस्तु साहित्य मुद्रणालय ट्रस्ट द्वारा पुनर्मुद्रित पुस्तकों का विमोचन किया।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज राष्ट्रीय कवि ज़वेरचंद मेघाणी जी की पुण्यतिथि है और आज ही के दिन वर्ष 2002 के बाद सस्तु साहित्य मुद्रणालय ट्रस्ट द्वारा एक साथ अनेक पुस्तकों का पुनर्मुद्रण होने की शुरूआत हुई थी। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज, भाषा, उसका गौरव, निरंतरता और अस्तित्व तभी गौरवमय बनते हैं जब उसका संरक्षण करने वाले लोग, साहित्यकार और साहित्य के पोषण में रूचि रखने वाले लोग समय-समय पर मिलते रहें। उन्होंने कहा कि गुजराती भाषा के इतिहास को हेमचंद्राचार्य से लेकर नरसिंह मेहता, नर्मद, गोवर्धनराम त्रिपाठी, सुन्दरम, गांधीजी, काका साहेब कालेलकर जैसे अनेक विद्वानों ने आगे बढ़ाया और इसे नई ऊर्जा प्रदान की। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में ‘गरवी गुजरात’, जिसकी कल्पना नर्मद ने की थी, को गरवी बनाने का काम हुआ है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि विचारो की ऊंचाई, उनकी उर्ध्व गति और उन्हें सदमार्ग की ओर मोड़ने का कार्य केवल और केवल पठन कर सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य इस बात से तय नहीं होता कि देश की शालाओ में कितने विद्यार्थी हैं बल्कि इस बात से तय होता है कि देश के ग्रंथालयो में पाठकों की संख्या कितनी है।

अमित शाह ने कहा कि व्यक्ति, आत्मा को आगे ले जाने वाला और ज्ञान में वृद्धि करने वाला साहित्य सस्ता मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखण्ड आनंद पत्रिका ने सात्विक साहित्य परोसने, बाल मन के निर्माण और वयस्क लोगों को समाज सेवा का संदेश देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सस्तु साहित्य ने जीवन को आगे बढ़ाने वाली, भक्ति की सरल समझ देने वाली, अध्यात्म का व्यवहारिक ज्ञान देने वाली और भारत के धर्मग्रंथो में समाहित नीति की सरल व्याख्या करने वाली पुस्तकें प्रकाशित की हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज 2002 के बाद पहली बार 24 पुस्तकों का यहाँ पुनर्मुद्रण हुआ है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में “वांचे गुजरात” अभियान की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि गुजरात में पाठन की महिमा बढ़ाने के लिए अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती, भाषा शुद्धि, लेखन का उद्देश्य, लेखन की दिशा, गद्य और पद्य दोनों में भरपूर मात्रा में सत्व भरने का कार्य विद्वानों को ही करना पड़ेगा। अमित शाह ने कहा कि आज इंटरनेट के जमाने में बच्चे पढ़ने से दूर होते जा रहे हैं और ऐसे में अगर बच्चे पढ़ना सीखेंगे तो वे किसी भी मुसीबत का सामना कर सकेंगे।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *