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Home Minister Amit Shah inaugurated the Jyoti-Bishnu International Art Temple in Guwahati, Assam.
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गृह मंत्री अमित शाह ने असम के गुवाहाटी में ज्योति-बिष्णु अंतरराष्ट्रीय कला मंदिर का उद्घाटन किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज असम के गुवाहाटी में ज्योति-बिष्णु अंतरराष्ट्रीय कला मंदिर का उद्घाटन किया। अमित शाह ने नवनिर्मित पुलिस आयुक्त कार्यालय भवन, कमांड एवं कंट्रोल सेंटर का लोकार्पण और तीन नए आपराधिक कानूनों पर राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा और केन्द्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज एक ही दिन में असम के विकास, पहचान, संस्कृति और सुरक्षा के सभी आयामों को कवर करते हुए कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। उन्होंने कहा कि आज ₹111 करोड़ से नवनिर्मित पुलिस कमिश्नर कार्यालय का लोकार्पण हुआ जो अत्याधुनिक ही नहीं बल्कि सुविधाप्रद भी है। उन्होंने कहा कि ₹178 करोड़ की लागत से बने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, जो स्मार्ट पुलिस की अवधारणा को जमीन पर उतारेगा, का भी आज लोकार्पण हुआ है। अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून, जो असम में आने वाले दिनों में तीन साल के अंदर सेशन कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय दिलाएंगे, का भी एक प्रदर्शनी के माध्यम से परिचय देने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि आज सुबह नागांव में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जी के बहुत बड़े स्मारक का लोकार्पण भी हुआ है।

अमित शाह ने कहा कि जिस क्षेत्र पर घुसपैठियों ने कब्जा जमाया था, उस 162 एकड़ भूमि को खाली कराकर यहां महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जी का स्मारक बनाना असम की संस्कृति के पुनरोदय का बहुत बड़ा प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ श्री ज्योति-बिष्णु सभागार का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि ज्योतिप्रसाद अगरवाला और बिष्णु प्रसाद राभा, दो महान साहित्यकारों और कलाकारों, की स्मृति में ₹291 करोड़ की लागत से 5000 लोगों के बैठने की क्षमता वाले सभागार का उद्घाटन असम के विकास का परिचायक है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्री ज्योतिप्रसाद अगरवाला जी और कला गुरु श्री बिष्णु प्रसाद राभा जी के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। उन्होंने कहा कि अगरवाला जी ने असम की पहली फिल्म ‘जॉयमोती’ बनाई और असमिया सिनेमा की नींव डालने का काम किया। अमित शाह ने कहा कि अगरवाला जी ने संगीत, नाटक और साहित्य को देशभक्ति के साथ जोड़कर असम की प्रजा में आज़ादी की ललक जगाने का काम भी किया। उन्होंने कहा कि इन दो सेनानियों ने असम की जनता के मन में आत्मसम्मान और देशभक्ति को जागृत किया जिसे आगे चलकर गोपीनाथ जी ने एक मजबूत आंदोलन के साथ आगे बढ़ाया और असम को भारत का हिस्सा बनाने के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री को मजबूर कर दिया।

अमित शाह ने कहा कि कला गुरु बिष्णु प्रसाद राभा जी ने कला के माध्यम से आजादी की क्रांति को बल दिया। उन्होंने कहा कि राभा जी ने आम लोग, मजदूर, किसान और आदिवासियों को अपने सहज, सरल और साहित्यिक शब्दों से आजादी के आंदोलन के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि विदेशी कुशासन, उससे उत्पन्न हुई गरीबी, असमानता और सामाजिक अन्याय के खिलाफ राभा जी ने जागरूकता फैलाई।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि असम एक बहुत लंबे दु:स्वप्न जैसे कालखंड से बाहर आया है। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले के असम में बम धमाके, ब्लॉकेड, गोलीबारी, हिंसक समूह और आंदोलन देखने को मिलते थे। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के पिछले 11 साल के शासन में असम विकास के रास्ते पर अग्रसर होकर देश के साथ कदम मिलाकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि असम में सभी जगह घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था, लेकिन पिछले 10 साल, विशेषकर हिमंता बिस्वा सरमा जी के शासन के पिछले 5 साल, में 1 लाख 29 हजार बीघा जमीन को घुसपैठियों से खाली कराने का काम किया गया है।

अमित शाह ने कहा कि आज जो विपक्ष असम की कला, साहित्य और संस्कृति की बात करते है, उन्होंने ही घुसपैठियों को यहां बसाने के लिए 1983 में कानून लाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के आने के बाद असम की कला, संस्कृति, संगीत और भाषा जिंदा नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने वोटबैंक की राजनीति के लिए असम के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा दिया था। अमित शाह ने कहा कि 10 साल से हमारी पार्टी की सरकार असम में रही है और अगले 5 साल में हम असम से एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर खदेड़ देंगे। उन्होंने कहा कि इसी से असम की संस्कृति, भाषा और संगीत की रक्षा होगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने असम के सभी हिंसक समूहों से समझौता कर यहां शांति प्रस्थापित की है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के कारण 10 हजार से अधिक युवा हथियार छोड़कर मेनस्ट्रीम में वापस आए हैं और असम आज विकास के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज असम में लाखों-करोड़ों रुपये के उद्योग लग रहे हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, काजीरंगा देश का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया है, लचित बरफूकन जी की गगनचुंबी प्रतिमा के माध्यम से उनकी स्मृति को युवाओं के हृदय में स्थापित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि आज असम आंदोलन के शहीदों का भी एक उचित स्मारक बनाकर उन्हें एक प्रकार से न्याय देने का काम किया गया है।

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