भारतीय वायु सेना की 92 वीं वर्षगांठ के सिलसिले में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 01 अक्टूबर, 2024 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली से ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली को रवाना किया। इसके साथ ही, 50 से अधिक वायुवीर लद्दाख के थोइस के लिए रवाना हो गए हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। लद्दाख के थोइस वे अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए अभियान शुरू करेंगे, जो नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए कुल 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। रैली के विभिन्न चरणों में पूर्व वायु सेना प्रमुख भी भाग लेंगे।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने बेहद कठिन परिस्थितियों में वीरता, समर्पण और देशभक्ति के साथ मातृभूमि की सेवा करने वाले वायुवीरों की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारतीय वायुसेना ने देश और उसके लोगों की रक्षा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यह देश के दुश्मनों को उनके क्षेत्र में गहराई तक घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम भारतीय वायुसेना को सबसे उन्नत विमानों, हथियारों और साजोसामान से लैस करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के माध्यम से उन्हें और अधिक सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
राजनाथ सिंह ने उन वायुवीरों को शुभकामनाएं दीं, जो बेहद कठिन और दुर्गम इलाकों से होकर गुजरने वाली इस रैली का हिस्सा बनेंगे। इस रैली को औपचारिक रूप से 8 अक्टूबर को थोइस में झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह समुद्र तल से 3,068 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे वायु सेना स्टेशनों में से एक है। 29 अक्टूबर, 2024 को तवांग में रैली का समापन होगा। इससे पहले वायु वीर लेह, कारगिल, श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़, देहरादून, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, दरभंगा, बागडोगरा, हासिमआरा, गुवाहाटी, तेजपुर और दिरांग में रुकेंगे।
इस रैली का उद्देश्य लोगों में भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताना तथा विभिन्न युद्धों और बचाव अभियानों में वायु वीरों की बहादुरी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को मातृभूमि की सेवा के लिए आकर्षित करना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कार रैली के दौरान, वायु वीर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं के साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस दौरान उत्साही युवा सशस्त्र बलों में शामिल होने और गौरव और सम्मान का जीवन जीने के लिए प्रेरित होंगे।
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, पूर्व प्रमुख आरकेएस भदौरिया (सेवानिवृत्त) और एवाई टिपनिस (सेवानिवृत्त) तथा भारतीय वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उत्तराखंड युद्ध स्मारक के दिग्गजों के सहयोग से वायुसेना ने इस रैली का आयोजन किया है। वायुसेना का एडवेंचर सेल इस रैली का नेतृत्व और समन्वय कर रहा है।
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