भारत और भूटान के बीच छठी संयुक्त सीमा शुल्क समूह (जेजीसी) बैठक 24-25 अप्रैल 2025 को भूटान के थिम्पू में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के विशेष सचिव और सदस्य (सीमा शुल्क) सुरजीत भुजबल और भूटान सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व और सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक सोनम जामत्शो ने की।
भारत आयात और निर्यात में भूटान का शीर्ष व्यापार साझेदार है, जो भूटान के कुल व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है। भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से भूटान के साथ व्यापार महत्वपूर्ण है। भारत और भूटान के बीच संयुक्त सीमा शुल्क समूह की बैठकें सीमा शुल्क प्रक्रियाओं की पुनर्परिभाषा और पुनर्रचना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने, सीमा शुल्क सहयोग को बढ़ावा देने और सर्वोत्तम वैश्विक विधियों के साथ संरेखण तथा सीमा पार व्यापार सुविधा के लिए प्रतिवर्ष आयोजित की जाती हैं। भारत और भूटान सीमा पर पश्चिम बंगाल और असम राज्यों में 10 भूमि सीमा शुल्क स्टेशन हैं।
इस छठी जेजीसी बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार और पारगमन बढ़ाने के लिए कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। पारगमन प्रक्रियाओं के स्वचालन और डिजिटलीकरण, समन्वित सीमा प्रबंधन (सीबीएम), सीमा शुल्क डेटा का आदान-प्रदान, सीमा शुल्क पारस्परिक सहायता समझौता (सीएमएए) और इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम (ईसीटीएस) के तहत पारगमन कार्गो की आवाजाही आदि पर सकारात्मक चर्चा की गई।
भूटान ने निरंतर सहयोग के लिए सीबीआईसी का आभार व्यक्त किया और विशेष रूप से 29 जुलाई से 1 अगस्त, 2024 तक आयोजित ‘भारत-भूटान व्यापार और आर्थिक साझेदारी को बढ़ाना’ शीर्षक वाली क्षमता निर्माण कार्यशाला को मान्यता दी। इस कार्यशाला ने निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत ने भूटान के आयातकों और निर्यातकों के लिए आवश्यकता-आधारित क्षमता निर्माण के अतिरिक्त जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस), अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ), खाद्य सुरक्षा मानकों के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का विस्तार करने का प्रस्ताव रखा।
दोनों पक्षों ने सीमा शुल्क सहयोग को मजबूत करने, व्यापार सुविधा बढ़ाने तथा सुरक्षित एवं कुशल सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।