भारत ने ठोस रॉकेट मोटर के लिए दुनिया का सबसे बड़ा दस टन प्रोपेलेंट मिक्सर विकसित किया है। इस उन्नत प्रणाली का डिजाइन और निर्माण करके इसरो न केवल अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को प्रदर्शित करता है, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत स्पेस” पहल के तहत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करता है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र ने बेंगलुरु में केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान के सहयोग से तैयार किया है।
इसरो ने फिर एक बार हमारे देश का सम्मान बढाने का काम किया है। राकेट से लेकर उपग्रह तक और लॉन्च पैड से लेकर नौका मरूक प्रवेश अनुसंधान तक, इसरो ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 10 टन सामर्थय वाला वर्टिकल मिक्सर का उत्पादन देश में ही बनाकर उन्होंने दिखा दिया है। इस यंत्र को रिमोट द्वारा चलाया जा सकेगा। रॉकेट ईंधन बनाना इससे काफी आसान सम्भव हो पाएगा। इसके विशालकाया की वजह से रॉकेट ईंधन बनने में भी तेजी आएगी और जितने प्रमाण में मिक्सिंग की जरूरत है, उसी प्रमाण में प्रोपेलेंट उपलब्ध हो पाएगा।
भारत के पुनर्चक्रण प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए…
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