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सरकार द्वारा विकसित भारत@2047 की परिकल्पना के अंतर्गत इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (IGEIC) का शुभारंभ किया गया

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने आधिकारिक रूप में विकसित भारत@2047 की परिकल्पना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल, इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी) के शुभारंभ की घोषणा की है।

इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी), अपनी तरह की पहली, गैर-लाभकारी, धारा 8 कंपनी को विशेष रूप से ग्राफीन तकनीक के व्यावसायीकरण में उत्कृष्टता का केंद्र बनाने के लिए शामिल किया गया है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा भंडारण से लेकर स्वास्थ्य सेवा के अलावा मैटेरियल कोटिंग एवं परिवहन प्रणालियों तथा सस्टेनेबल मैटेरियल के विकास तक के अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करती है।

इस केंद्र का शुभारंभ भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिव एस. कृष्णन द्वारा भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में समूह समन्वयक सुनीता वर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी) के अध्यक्ष माधवन नांबियार, असद पठान, पूर्व अध्यक्ष, आईओसीएल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वैज्ञानिक सुरेंद्र गोथरवाल, इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी) बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर एलेक्स जेम्स और कामेश गुप्ता भी उपस्थित रहे।

ग्राफीन प्रौद्योगिकी में भारत का नेतृत्व

इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी), जिसे ग्राफीन तकनीक के व्यावसायीकरण में नेतृत्व की दिशा में भारत के प्रयास के रूप में व्यक्त किया गया है, रणनीतिक रूप से केरल के त्रिवेन्द्रम में अपने अनुसंधान एवं विकास व्यवस्था और बेंगलुरु, कर्नाटक में एक कॉर्पोरेट और व्यवसायिक विकास केंद्र के साथ स्थित है। केरल सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विनिर्माण इकाई, केरल के पलक्कड़ में स्थित है, जो ग्राफीन तकनीक के विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक व्यापक इकोसिस्टम का निर्माण कर रही है।

स्टार्टअप, उद्योग और आर्थिक विकास के अवसर

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITy) में सचिव एस. कृष्णन ने केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए, ग्राफीन की परिवर्तनकारी क्षमता और भारत को इस वैश्विक क्रांति में सबसे आगे रखने में इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी) की भूमिका पर प्रकाश डाला। एस कृष्णन ने कहा, “ग्राफीन ऑरोरा कार्यक्रम के अंतर्गत इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र (आईजीईआईसी) की स्थापना अत्याधुनिक समाधान विकसित करने और उन्नत सामग्रियों के लिए एक मजबूत औद्योगिक आधार बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह केंद्र न केवल नवाचार को प्रोत्साहन देगा बल्कि स्टार्टअप और उद्योग तथा आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा करेगा।”

यह कार्यक्रम इस वैश्विक पहल का हिस्सा बनने वाले द्विपक्षीय सहयोग सहित स्टार्टअप, लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई), शिक्षा, उद्योग, सरकार के साथ देश में ग्राफीन इकोसिस्टम का निर्माण करेगा।

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