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भारत ने बेंगलुरु में 6G मानकीकरण पर पहली बार 3GPP रेडियो एक्सेस नेटवर्क बैठक की मेजबानी की

भारत और वैश्विक दूरसंचार समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में 3जीपीपी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) कार्य समूह की बैठकों–आरएएन1 से आरएएन5 का शुभारंभ 25 अगस्त से व्हाइटफ़ील्ड, बेंगलुरु में हुआ। संचार मंत्रालय के दूरसंचार के विभाग के सहयोग और दूरसंचार मानक विकास सोसाइटी, भारत द्वारा आयोजित इन बैठकों में 3जीपीपी रिलीज-20 के अंतर्गत 6जी मानकीकरण पर प्रथम बार चर्चा की गई। साथ ही रिलीज-19 विनिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया, जो 5जी एडवांस्ड के विकास को आगे बढ़ाएगा। ये बैठकें 29 अगस्त, 2025 तक जारी रहेंगी।

बेंगलुरु में टीएसडीएसआई की 3जीपीपी आरएएन कार्य समूह की बैठक के आयोजन में दूरसंचार विभाग ने पूर्ण संस्थागत और वित्तीय सहायता प्रदान की है और यह वैश्विक संचार प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दूरसंचार विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल इन बैठकों में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। यह पहल 6जी विज़न में सरकार की निरंतर भागीदारी का संकेत देती है।

टीएसडीएसआई भारत का मान्यता प्राप्त मानक विकास संगठन (एसडीओ) है और तीसरी पीढ़ी की भागीदारी परियोजना (3जीपीपी) के सात संगठनात्मक भागीदारों में से एक है, जो 5जी और 6जी सहित मोबाइल संचार प्रौद्योगिकियों के लिए विनिर्देश विकसित करने के लिए उत्‍तरदायी वैश्विक निकाय है। 3जीपीपी विनिर्देश वैश्विक मोबाइल नेटवर्क का आधार बनाते हैं और इन विचार-विमर्शों में भारत की सक्रिय भागीदारी भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को आकार देने में देश की बढ़ती इच्छा को और मजबूत करेगी।

बेंगलुरु में आयोजित बैठकों में 50 से ज़्यादा देशों के 1,500 से ज़्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें 3जीपीपी के व्यक्तिगत सदस्य, प्रमुख दूरसंचार कंपनियां, अनुसंधान संस्थान और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। यह किसी भी 3जीपीपी कार्य समूह की बैठक में अब तक की सबसे ज़्यादा भागीदारी है, जो इन विचार-विमर्शों के महत्व और 5जी से 6जी तक के विकास को आकार देने में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाता है।

बेंगलुरु की बैठकें भारतीय हितधारकों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर हैं। पहली बार, भारत में वैश्विक 3जीपीपी चर्चाएं आयोजित की जा रही हैं, जिससे घरेलू शोधकर्ताओं, कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों को स्थानीय स्तर पर भाग लेने, प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की बाधाओं के बिना सार्थक योगदान करने का अवसर मिलेगा। यह समावेशी मंच भारतीय संगठनों को वास्तविक समय में वैश्विक विकास के साथ सामंजस्‍य बिठाने और 6जी मानकीकरण प्रयासों में योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगा।

3जीपीपी को भारत में लाना वैश्विक मानक-निर्धारण गतिशीलता में बदलाव का संकेत है, जहां भारत जैसे उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी, तेज़ी से प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं। इस आयोजन से उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा मिलने, घरेलू नवाचार को बढ़ावा मिलने और वैश्विक दूरसंचार मानक इकोसिस्‍टम में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भारत की स्थिति सुदृढ़ होने की आशा है।

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