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India participated in the 20th Session of the United Nations Forum on Forests (UNFF 20) held at UN Headquarters, New York
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भारत ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (UNFF 20) के 20वें सत्र में भाग लिया

भारत ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (यूएनएफएफ 20) के 20वें सत्र में भाग लिया।

भारत ने वन संरक्षण और सतत वन प्रबंधन में अपनी महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख करते हुए वनों के लिए संयुक्त राष्ट्र रणनीतिक योजना 2017-2030 के अंतर्गत स्वैच्छिक राष्ट्रीय योगदान (वीएनसी) प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। भारत ने वन और वृक्ष आवरण में निरंतर वृद्धि की जानकारी भी दी, जिसमें अब नवीनतम भारत वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत भौगोलिक क्षेत्र के 25.17 प्रतिशत को कवर करता है और यह अरावली ग्रीन वॉल के अंतर्गत भूमि के पुनर्सरक्षण, पिछले दशक में मैंग्रोव कवर में 7.86 प्रतिशत की वृद्धि, ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत 1.55 लाख हेक्टेयर से अधिक वनीकरण और एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत 1.4 बिलियन पौधों का रोपण जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पहलों का परिणाम है।

भारत की भागीदारी का एक महत्वपूर्ण क्षण संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना भी रहा- यह एक वैश्विक मंच है जिसे भारत द्वारा संयुक्त अनुसंधान, ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण के माध्यम से सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण का समर्थन करने के लिए शुरू किया गया था।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 2023 में देहरादून में भारत द्वारा आयोजित देश-नेतृत्व वाली पहल (सीएलआई) के परिणामों पर वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया, जिसमें वन अग्नि प्रबंधन और वन प्रमाणन पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत ने कांगो, कोरिया और ऑस्ट्रिया के नेतृत्व में सीएलआई प्रयासों को भी स्वीकार करते हुए उनकी सराहना की और प्राथमिकता वाले वानिकी मुद्दों का समर्थन करने के लिए औपचारिक वैश्विक तंत्र में सीएलआई परिणामों को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया।

भारत ने “क्षयग्रस्त वन परिदृश्यों को पुनः हराभरा करना: सतत वन प्रबंधन और जलवायु अनुकूलन के लिए भारत का दृष्टिकोण” विषय पर एक स्थल कार्यक्रम की भी मेज़बानी की। इस कार्यक्रम में नीतिगत नवाचार, संसाधनों के अभिसरण, सक्रिय सामुदायिक सहभागिता और निगरानी और मूल्यांकन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से एकीकृत वन बहाली के साथ भारत के अनुभव को प्रदर्शित किया गया। सत्र के दौरान वैश्विक वन लक्ष्यों की दिशा में प्रमुख उपलब्धियों और योगदानों को प्रस्तुत किया गया।

इसके अलावा, भारत ने “राष्ट्रीय नीति और रणनीति में वन पारिस्थितिकी तंत्रों का मूल्यांकन” विषय पर एक उच्च स्तरीय पैनल में भागीदारी की, जहां प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड, राजस्थान और बाघ अभयारण्यों में पायलट अध्ययनों से प्राप्त निष्कर्षों को साझा किया। इन अध्ययनों ने पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली (एसईईए) और मिलेनियम इकोसिस्टम असेसमेंट (एमईए) जैसे ढाचों का उपयोग करके कार्बन पृथक्करण, जल प्रावधान और जैव विविधता संरक्षण जैसी इकोसिस्टम सेवाओं को परिमाणित किया। गैर-बाजार सेवाओं के मूल्यांकन में चुनौतियों को स्वीकार करते हुए भारत ने सूचित वन प्रशासन और दीर्घकालिक पारिस्थितिक स्थिरता के लिए राष्ट्रीय नियोजन में पारिस्थितिकी तंत्र मूल्यांकन को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

यूएनएफएफ-20 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव सुशील कुमार अवस्थी ने किया।

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