भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय संधि को अपनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है जिसे इसने लगभग 30 साल पहले प्रस्तावित किया था। कल संयुक्त राष्ट्र महासभा की कानूनी समिति को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत की विधि अधिकारी आर. मैथिली ने आतंकवादी समूहों की बढ़ती ताकत पर गहरी चिंता व्यक्त की जो अब अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने विश्व समुदाय से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि-पत्र को अंतिम रूप देने के लिए मौजूदा गतिरोध को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुश्री मैथिली ने उन देशों की निंदा की जो राजनीतिक कारणों से आतंकवाद को उचित ठहराते हैं, जिन्होंने पहले कुछ समूहों का स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में बचाव किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन विभाजनों से ऊपर उठने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि ऐसे राजनीतिक एजेंडे से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई कमजोर हो रही है।