भारत ने एवीजीसी-एक्स/आर में वैश्विक परिकल्प्ना स्थापित की: आईआईसीटी ने उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ रणनीतिक सहयोग शुरू किया
वेव्स 2025 के तीसरे दिन, एक ऐतिहासिक पहल के तहत, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) ने वैश्विक उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ एवीजीसी-एक्सआर क्षेत्र में उच्च प्रभाव वाले सहयोगों की एक श्रृंखला शुरू की। इन सहयोगों का उद्देश्य मीडिया, मनोरंजन और इमर्सिव प्रौद्योगिकियों में वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है।
इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे। उन्होंने इन रणनीतिक सहयोगों को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई। उन्होंने मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की भारत की क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह आईआईटी और आईआईएम प्रौद्योगिकी और प्रबंधन शिक्षा में मानक बन गए हैं उसी तरह आईआईसीटी अपने क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान के रूप में विकसित होने की राह पर है।
सत्र के दौरान, आईआईसीटी और अग्रणी उद्योग भागीदारों के प्रतिनिधियों ने आशय पत्रों (एलओआईस) का आदान-प्रदान किया जो भारत में एवीजीसी-एक्सआर को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से दीर्घकालिक सहयोगात्मक प्रयासों की शुरुआत को चिह्नित करता है। हस्ताक्षर करने वालों में जियोस्टार, एडोब, गूगल, यूट्यूब और मेटा सहित प्रमुख वैश्विक उद्योग के प्रमुख शामिल थे।
ये गठबंधन एनीमेशन, विज़ुअल इफ़ेक्ट, गेमिंग, कॉमिक्स, फ़िल्म और विस्तारित वास्तविकता में शिक्षा, अनुसंधान और विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं। इसका लक्ष्य रचनात्मक और डिजिटल मीडिया क्षेत्र में भारत के सफल आईटी मॉडल को दोहराना है जिससे भविष्य के विकास के लिए एक स्थायी तंत्र विकसित हो सके।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू; और पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा भी उपस्थित थे, जिससे इस पहल के प्रति सरकार के एकीकृत समर्थन का पता चलता है।