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भारत ने यूक्रेन-रूस संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच संवाद और कूटनीति का समर्थन किया

सरकार ने कहा है कि यूक्रेन-रूस संघर्ष पर भारत का रुख सर्वविदित है। सरकार ने कहा कि भारत ने संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए सदैव दोनों पक्षों और अन्य प्रमुख हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति का समर्थन किया है। नई दिल्ली में आज विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ भी भारत की बातचीत इस व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप रही है।

भारत-यूरोपीय संघ सहयोग के बारे में रणधीर जायसवाल ने कहा कि यूरोपीय संघ के अध्यक्ष पिछले महीने भारत आए थे। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यूरोपीय संघ के साथ रक्षा सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र में साझेदारी बढ़ रही है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपने रक्षा निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। भारत-चीन वार्ता पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति षी चिनफिंग के बीच कज़ान में हुई बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव स्तर पर रचनात्मक बातचीत हुई है। विदेश सचिव ने जनवरी में पेइचिंग में चीन के विदेश सचिव से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि विदेश सचिव की यात्रा के बाद विदेश मंत्री ने जोहान्सबर्ग में जी-20 के दौरान अपने चीन के विदेश सचिव से चर्चा की। रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और चीन इस वर्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर सहमत हुए हैं और इसके तौर-तरीकों पर बातचीत चल रही है।

पाकिस्तान के बारे में रणधीर जायसवाल ने कहा कि दुनिया को स्‍पष्‍ट रूप से पता है कि वास्‍तविक मुद्दा पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना और प्रायोजित करना है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमरीका की राष्ट्रीय आसूचना निदेशक तुलसी गबार्ड से भेंट पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री के साथ सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा की। प्रवक्ता ने कहा कि तुलसी गबार्ड ने विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी भेंट की। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने वार्ताकारों के साथ बैठक में भारत विरोधी तत्वों और अमरीका में अलगाववादी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में चिंता प्रकट की।

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