भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने केरल के कोच्चि में राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड (एनएमएसएआर) बोर्ड की 22वीं बैठक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के साथ ही 29 नवंबर, 2024 को कोच्चि तट पर राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव अभ्यास (सरेक्स-24) के 11वें संस्करण की भी शुरुआत हुई। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और वहां उपस्थित विदेशी प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने भारतीय खोज एवं बचाव क्षेत्र में इस तरह की सेवाएं प्रदान करने तथा समुद्र में मछली पकड़ने वाले समुदाय की मदद करने में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना की। रक्षा सचिव ने भारतीय तटरक्षक बल को सशक्त बनाने के प्रयास में सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
बोर्ड बैठक की अध्यक्षता भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक और राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड के अध्यक्ष महानिदेशक परमेश शिवमणि ने की। उन्होंने अपने संबोधन में समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता और भारत के समुद्री सुरक्षा ढांचे को सशक्त करने में कुशल समुद्री खोज व बचाव कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
बैठक के दौरान 2023-24 के लिए राष्ट्रीय एसएआर पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इन पुरस्कारों ने समुद्री सुरक्षा और राहत एवं बचाव अभियानों में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी। पुरस्कार विजेता इस प्रकार थे:
बैठक में भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, इसरो, आईएनसीओआईएस, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नौवहन महानिदेशालय, सीमा शुल्क, तटीय पुलिस, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, भारतीय नौवहन निगम, मौसम विभाग, मत्स्य विभाग, समुद्री बोर्ड, बंदरगाह प्राधिकरण, तटीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य संबद्ध संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित हितधारकों के विविध समूह ने भाग लिया। आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और समुद्री सुरक्षा के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए संवादात्मक सत्र तथा विभिन्न प्रस्तुतियां आयोजित की गईं।
वर्ष 2002 में स्थापित राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड नीतिगत मामलों पर चर्चा करने, दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं तैयार करने तथा राष्ट्रीय खोज एवं बचाव योजना की समीक्षा करने के लिए हर साल बैठक करता है। इस बोर्ड की 22वीं बैठक में समुद्री सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए हितधारकों के बीच सहयोग तथा समन्वय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में प्रभावी समुद्री खोज एवं बचाव अभियानों के आवश्यक महत्व की पुष्टि की गई। इसमें भारत के समुद्री सुरक्षा ढांचे को विस्तार देने के लिए चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला गया और भारतीय जलक्षेत्र में सकुशल एवं अधिक सुरक्षित समुद्री संचालन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी भागीदार एजेंसियों के सहयोग को प्रमुखता दी गई।
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