भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस ने किया। सम्मेलन का विषय “Surge to 2030: Enhancing ambition in Asia Pacific to accelerate disaster risk reduction” था। इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मंत्री और नीति निर्माता जलवायु संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर आपदा जोखिम को कम करने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए।
अपने वक्तव्य में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आपदाएँ एक ऐसी सच्चाई है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता और जिनसे जान-माल, अर्थव्यवस्था तथा समग्र विकास को नुकसान पहुँचता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) रणनीतियों के लिए 10-सूत्री एजेंडे के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए समावेशी और सक्रिय कार्रवाई करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) में अग्रिम चेतावनी प्रणाली (EWS) और अग्रिम कार्रवाई, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना और DRR के लिए वित्तीय प्रावधान आदि प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया। गृह राज्यमंत्री ने EWS के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे Common Alerting Protocol (CAP) और Cell Broadcast Systems, Indian Tsunami Early Warning Centre (ITEWC) की स्थापना पर जोर दिया, जो अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए हिंद महासागर के 25 देशों को सुनामी संबंधी सलाह प्रदान करता है।
नित्यानंद राय ने सतत विकास की आधारशिला के रूप में बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत द्वारा की गई पहल, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI), में अब 47 देश सदस्य हैं और यह आपदा रोधी बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान कर रहा है।
गृह राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में से एक है, जिन्होंने संस्थागत तंत्र के माध्यम से DRR के लिए dedicated वित्तीय प्रावधान किए हैं और भारत के 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (NDRMF) और राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (SDRMF) के लिए 30 बिलियन अमरीकी डॉलर आवंटित किए हैं।