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INSV Tarini entered Cape Town, South Africa completing the fourth phase of Navika Sagar Parikrama II expedition
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INSV तारिणी ने नाविका सागर परिक्रमा II अभियान के चौथे चरण को पूरा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में प्रवेश किया

आईएनएसवी तारिणी ने नाविका सागर परिक्रमा II अभियान के चौथे चरण को पूरा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में प्रवेश कर लिया है। केप टाउन में आईएनएसवी तारिणी और इसके चालक दल का स्वागत भारत की महावाणिज्य दूत रूबी जसप्रीत, दक्षिण अफ्रीकी नौसेना बेड़े की चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल (जेजी) लिसा हेंड्रिक्स और प्रिटोरिया में भारत के रक्षा सलाहकार कैप्टन अतुल सपहिया ने किया। इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीकी नौसेना बैण्ड ने भी बंदरगाह पर जहाज का स्वागत करते हुए प्रस्तुति दी।

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने 02 अक्टूबर, 2024 को गोवा से हरी झंडी दिखाकर एनएसपी II अभियान को रवाना किया था। भारतीय नौसेना के नौकायन पोत (आईएनएसवी तारिणी) पर सवार भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। इस मिशन का लक्ष्य आठ महीनों में 23,400 समुद्री मील (लगभग 43,300 किलोमीटर) से अधिक की दूरी तय करना है और मई 2025 में गोवा वापस लौटना है। यह अभियान दल अब तक फ्रेमैंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड) और पोर्ट स्टेनली, फॉकलैंड्स (ब्रिटेन) में तीन पड़ावों पर रुका है।

यह जहाज निर्धारित रखरखाव और मरम्मत के लिए दो सप्ताह तक रॉयल केप यॉट क्लब में रहेगा। पोत का चालक दल साइमन टाउन नौसेना बेस और गॉर्डन बे नौसेना कॉलेज में दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के अधिकारीयों साथ बातचीत करेगा तथा अन्य गतिविधियों में शामिल होगा। उनके प्रवास के दौरान सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है।

इस यात्रा के दौरान जहाज व चालक दल को तूफानी समुद्र एवं अत्यंत ठंडे तापमान तथा तूफानी मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ा, जिससे परिभ्रमण का कार्य अत्यधिक चुनौतीपूर्ण और कठिन हो गया था। इस मार्ग पर 50 नॉट्स (93 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति से हवाएं चलीं और 7 मीटर (23 फीट) ऊंची लहरें उठी थीं।

स्वदेश निर्मित आईएनएसवी तारिणी 56 फुट लंबा नौकायन पोत है, जिसे साल 2018 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसने पहले भी इस तरह के कई अभियानों में भाग लिया है। यह जहाज भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल का उत्कृष्ट प्रमाण है।

नविका सागर परिक्रमा-II अभियान भारतीय सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है और इससे अनेक युवा महिलाओं को सेनाओं, विशेषकर भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए प्रेरणा मिलने की भी उम्मीद है। इस पहल का उद्देश्य समुद्री एवं वैज्ञानिक अनुसंधान को भी आगे बढ़ावा देना है।

केपटाउन में तारिणी का ठहराव भारत व दक्षिण अफ्रीका के बीच बढ़ते संबंधों को प्रदर्शित करता है और यह भी दर्शाता है कि भारत किस प्रकार हिंद महासागर क्षेत्र के मित्र देशों के साथ अपने समुद्री सहयोग को विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय नौसेना के जहाज तलवार ने अक्टूबर, 2024 में दक्षिण अफ्रीका में अभ्यास आईबीएसएएमएआर के 8वें संस्करण में भाग लिया। इस वर्ष जनवरी माह में भारतीय नौसेना के नवीनतम स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तुषिल को डरबन बंदरगाह पर ठहराया गया था और दक्षिण अफ्रीकी नौसेना तथा क्वा-जुलु नटाल में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की गई। इस तरह की यात्राएं और सहयोग नौसेनाओं को समुद्री क्षेत्र में आम चुनौतियों का समाधान करने तथा सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने के लिए एक साथ लाती हैं।

इस नौकायन पोत के 15 अप्रैल, 2025 को केपटाउन से रवाना होने की संभावना है।

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