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IREDA CMD moderates inspiring panel discussion at 18th Pravasi Bharatiya Divas Convention
भारत

IREDA के CMD ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में प्रेरक पैनल परिचर्चा का संचालन किया

18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के भाग के रूप में, भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था (इरेडा) के सीएमडी प्रदीप कुमार दास ने “हरित संपर्क: सतत विकास में भारतीय प्रवासियों का योगदान” शीर्षक से परिचर्चा के संचालक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में आयोजित इस सत्र में वैश्विक स्थिरता पहलों को आगे बढ़ाने तथा हरित विकास को प्रोत्साहन देने में भारतीय प्रवासियों के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।

अपने उद्घाटन भाषण में, अश्विनी वैष्णव ने तीन रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया। इसमें वर्ष 2030 तक देश की कुल उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की हिस्सेदारी को लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ाना, हाइड्रोजन ट्रेनों जैसी अत्याधुनिक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, और हरित हाइड्रोजन उत्पादन, फोटोवोल्टिक सेल विनिर्माण और लिथियम आयन बैटरी विकास को शामिल करते हुए दीर्घकालिक ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में व्यापक क्षमताओं की स्थापना करना, सम्मिलित हैं।

इस परिचर्चा में मॉरीशस, नॉर्वे, मैक्सिको, वियतनाम, स्विटजरलैंड, नाइजीरिया, श्रीलंका और कनाडा से व्यापार और नीति निर्माण के क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित अतिथि शामिल थे। इसमें ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव और सांसद सुजीत कुमार भी शामिल हुए। चर्चा में प्रवासी समुदाय द्वारा व्यापक और समग्र सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों, रणनीतिक निवेशों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का लाभ उठाने पर विचार व्यक्त किए गए।

इरेडा के सीएमडी ने हरित ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व और इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने में इरेडा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। नवंबर 2024 तक 206 गीगावाट की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता और वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, भारत वैश्विक हरित परिवर्तन में सबसे आगे है। इरेडा के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने भारत की सबसे बड़ी शुद्ध हरित वित्तपोषण एनबीएफसी के रूप में इसकी स्थिति पर जोर दिया, जो 69,000 करोड़ रुपए (8.3 बिलियन डॉलर) की परिसंपत्ति आधार का प्रबंधन करती है, और तीसरी तिमाही वित्‍त वर्ष 2025 तक संचयी अनुमति में 2.39 लाख करोड़ रुपए और संचयी संवितरण में 1.53 करोड़ रुपए प्राप्त करती है। उन्होंने इस क्षेत्र में अपने नेतृत्व को और मजबूत करते हुए, सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास कॉर्पोरेट प्रशासन पहलों के लिए इरेडा की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।

चर्चा के दौरान, इरेडा के सीएमडी ने प्रमुख विषयों जैसे कि प्रवासी-संचालित विकास और सतत नवाचारों में निवेश की भूमिका, कृषि, रियल एस्टेट, बैटरी और हरित विनिर्माण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, डिजिटल, एमएसएमई आदि क्षेत्रों में हरित प्रौद्योगिकियों का भविष्य और सहयोग के लिए वैश्विक अवसरों के माध्यम से बातचीत को निर्देशित किया। सतत एजेंडे को आगे बढ़ाने में भारत स्थित स्टार्टअप के साथ प्रवासी समुदाय के सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता सत्र के दौरान उजागर किए गए प्रमुख बिंदुओं में से एक थी।

अश्विनी वैष्णव ने अपने समापन भाषण में प्रौद्योगिकी, नवाचार और हरित कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने के लिए प्रवासी समुदाय की विशेषज्ञता का लाभ उठाने का आह्वान किया। प्रवासी भारतीय दिवस 2025 ने एक स्थायी भविष्य के निर्माण में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की और हरित भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

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