भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो ने अपने 300 मिली न्यूटन स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर पर एक हजार घंटे का जीवन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की है। इस परीक्षण से उपग्रहों को विद्युत प्रणोदन प्रणाली में शामिल करने में आसानी होगी।
यह परीक्षण 5.4 किलोवाट के शक्ति स्तर से एक कक्ष में किया गया था जो अंतरिक्ष की वैक्यूम स्थितियों का अनुकरण करता है। इस प्रणाली को अंतरिक्ष एजेंसी के भविष्य के उपग्रहों में रासायनिक प्रणोदन प्रणाली की जगह लेने और संचार उपग्रहों के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
ईरान और इस्राइल के बीच दूसरे सप्ताह में भी हवाई हमले जारी हैं। कूटनीतिक प्रयासों…
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19 जून तक 4 दशमलव 8-6…
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के नौ लाख से अधिक कैडेटों ने 21 जून 2025 को…
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 21 जून, 2025 को अपनी प्रमुख पहल 'योग संगम' के…
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), भारत सरकार ने अटल अक्षय ऊर्जा भवन, नई दिल्ली…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 जून, 2025 को जम्मू और कश्मीर में उधमपुर स्थित…