मेडिकल स्नातक प्रवेश परीक्षा -नीट मुद्दे पर चर्चा को लेकर विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और अन्य सदस्य आसन के नजदीक आ गए।
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, सदन को पूर्व नियोजित तरीके से नहीं चलने देना संसदीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
नीट मुद्दे पर चर्चा की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा निर्धारित होने की अवधि के दौरान किसी भी चर्चा की अनुमति देने की परंपरा नहीं रही है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर सदन की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया।
किरण रिजिजू ने कहा, सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाए जाने वाले किसी भी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, जब आज सुबह सदन की बैठक शुरू हुई, तो अध्यक्ष ओम बिडला ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को अस्वीकार कर दिया। विपक्षी दलों में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और अन्य शामिल थे। विपक्षी दलों ने नीट परीक्षा में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया और सदन में इस पर चर्चा की मांग की।
ओम बिड़ला ने कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अन्य चर्चा की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, विपक्षी दलों के सदस्य धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने मुद्दे उठा सकते हैं।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, वे विद्यार्थियों को संदेश देना चाहते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। जैसे ही अध्यक्ष ने दिन की कार्यवाही जारी रखी, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचों-बीच आ गए। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नीट मुद्दे पर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। आज सुबह जब राज्यसभा की बैठक शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में निष्पक्ष जांच और पेपर लीक के दोषियों को कड़ी सजा देने का उल्लेख किया था।
जगदीप धनखड़ ने कहा, जब सदन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करेगा तो सदस्यों के पास इस मुद्दे पर चर्चा करने के पर्याप्त अवसर होंगे। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा, 25 लाख छात्र इस मुद्दे पर सड़क पर हैं. नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, पिछले सात साल में 70 बार पेपर लीक की घटनाएं हुईं।
उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की. इसके बाद कांग्रेस, सपा, द्रमुक, टीएमसी, वाम दल, आम आदमी पार्टी, राजद और अन्य विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा किया। हंगामे के बीच सभापति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू करने की कोशिश की। विरोध कर रहे सदस्य आसन के पास आ गये। हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो विपक्षी सांसद नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए वेल में आ गए। शोर-शराबे के बीच सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।इससे पहले दोनों सदनों ने पूर्व सांसदों के निधन पर श्रद्धांजलि दी।
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