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Meeting of Standing Committee on Scientific Research for consultation on R&D projects in coal sector
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कोयला सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर परामर्श के लिए स्थायी वैज्ञानिक अनुसंधान समिति की बैठक

कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीना की अध्यक्षता में 21 अगस्त, 2024 को हाइब्रिड मोड में स्थायी वैज्ञानिक अनुसंधान समिति (एसएसआरसी) की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर सचिव (कोयला) रूपिंदर बरार, अपर सचिव (कोयला) विस्मिता तेज, संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार निरुपमा कोटरू, सलाहकार (परियोजना) आनंदजी प्रसाद और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ एसएसआरसी के सदस्य और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और प्रमुख खनन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक विशेष रूप से कोयला सेक्टर के भीतर अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) परियोजनाएं, अन्वेषण तकनीकों को उन्नत करने, कोयला उत्पादन बढ़ाने, सुरक्षा उपायों में सुधार करने और पर्यावरण की सुरक्षा करने पर केंद्रित थी।

एसएसआरसी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), नीति आयोग और खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस), साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) जैसे कई मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि तथा उद्योग प्रतिनिधि भी शामिल हैं। आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी और आईआईटी कानपुर जैसे उल्लेखनीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर) और सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) जैसे शोध संगठनों ने भी इसमें भाग लिया।

बैठक के दौरान, सीएमपीडीआई ने कोयला सेक्टर से जुड़ी चुनौतियों, उठाए गए कदमों और भावी परिदृश्य को रेखांकित करते हुए अनुसंधान एवं विकास के विभिन्न पहलुओं पर एक व्यापक प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में शोध निष्कर्षों को प्रसारित करने के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों और पहलों को भी शामिल किया गया। इस पर गौर किया गया कि कोयला और ऊर्जा सेक्टर के भीतर विभिन्न कार्य क्षेत्रों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान में सीएमपीडीआई, रांची में “राष्ट्रीय कोयला और ऊर्जा अनुसंधान केंद्र” का चरण-1 स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सीआईएल/कोयला मंत्रालय की आर एंड डी/ एस एंड टी योजना के तहत कई उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाएँ, जो पूरी हो चुकी हैं और चल रही हैं, दोनों ही प्रस्तुत की गईं।

प्रस्तुति के बाद, प्रतिभागियों ने विस्तृत चर्चा की और कई प्रमुख सुझाव दिए, जिनमें शामिल हैं:

  • निरंतर समीक्षा: क्षेत्रवार लक्ष्यों के साथ संयोजन सुनिश्चित करने के लिए उच्च प्रभाव वाली अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें।
  • प्रोत्साहन: प्रभावशाली परिणाम प्रदर्शित करने वाले संस्थानों/संगठनों के प्रतिभागी खानों और शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान करें।
  • वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी: लाभकारी अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के परिणामों को रेखांकित करने के लिए वार्षिक रूप से एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करें।
  • सलाहकार समिति का गठन: कोयला और ऊर्जा सेक्टर में चल रही अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों और चुनौतियों के प्रति छात्रों और शोधकर्ताओं को संवेदनशील बनाने के लिए आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रतिष्ठित सरकारी और निजी खनन संस्थानों की एक सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।
  • जागरूकता कार्यक्रम: सीएमपीडीआई को कोयला और ऊर्जा सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए देश भर के खनन संस्थानों और अनुसंधान संगठनों का दौरा करना चाहिए।
  • ऊर्जा पारगमन अनुसंधान: ऊर्जा पारगमन और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन अर्जित करने से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान पर जोर देना।
  • डिजिटल प्रसार: डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं और गतिविधियों की सफलता को बढ़ावा देना।
  • एकीकृत अनुसंधान एवं विकास मंच: अनुसंधान प्रयासों के दोहराव से बचने के लिए कोयला और लिग्नाइट सेक्टर में सभी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए एक एकल प्लेटफॉर्म स्थापित करना।

कोयला मंत्रालय ने कोयला सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के भविष्य की दिशा तय करने के लिए सुझाव मांगे हैं। बैठक का समापन कोयला सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने, नवोन्मेषण, स्थिरता और ऊर्जा परिदृश्य की उभरती चुनौतियों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने की पुनर्संकल्पित प्रतिबद्धता के साथ हुआ।

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