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Meeting of the Parliamentary Consultative Committee on Promotion of Manufacturing of Heavy Electrical Equipment and Electric Vehicles
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भारी विद्युत उपकरणों के विनिर्माण और विद्युत चालित वाहन को प्रोत्साहन देने पर संसदीय परामर्श समिति की बैठक

केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में 19.03.2025 को भारी उद्योग मंत्रालय की संसदीय परामर्श समिति की बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा, समिति के सदस्य, भारी उद्योग मंत्रालय सचिव कामरान रिजवी, अपर सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी, संयुक्त सचिव विजय मित्तल, नीति आयोग के सलाहकार एस.जे. सिन्हा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अमृत काल में परिवर्तनकारी कदम उठा रहा है, जिसका लक्ष्य वैश्विक औद्योगिक महाशक्ति बनना है। विकसित भारत 2047 का विजन भारत को एक अग्रणी विनिर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जो आर्थिक अनुकूलन, तकनीकी नेतृत्व और औद्योगिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। विनिर्माण का जीडीपी में 17 प्रतिशत योगदान है और आर्थिक विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। विनिर्माण क्षेत्र में इंजीनियरिंग, पूंजीगत माल, ऑटोमोटिव और नवीकरणीय ऊर्जा में प्रयुक्त साधन शामिल हैं।

एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, हरित और प्रौद्योगिकी-संचालित भारी उद्योग विनिर्माण क्षेत्र बनाने के भविष्य योजना के साथ काम कर रहा है। इसमें ऑटोमोटिव और पूंजीगत माल निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं, जो विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हैं। भारतीय पूंजीगत सामान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि (चरण I और II), भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और ऑटो साजो-सामान उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और ऑटोमोटिव और उन्नत रसायन सेल जैसी योजनाएं एक सुदृढ़ घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित के लक्ष्य के साथ आरंभ की गई हैं।

बैठक के दौरान केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण क्षेत्र की भारत की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने की व्यापक क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण नीति और पीएलआई योजना जैसी कई प्रमुख पहल आरंभ की गई हैं।

भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि गतिशीलता क्षेत्र की बात करें तो भारी उद्योग मंत्रालय ने विचार-पूर्वक और दूरदर्शी कदम उठाए हैं ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव सहज, टिकाऊ और समावेशी हो। इस बदलाव को साकार करने में कई प्रगतिशील पहल की भूमिका है। इनमें एफएएमई-II, पीएम-ई-ड्राइव, ऑटो और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के लिए पीएलआई योजनाएं, पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र और देश में विद्युत चालित यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना शामिल है। इनमें प्रत्येक पहल की स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने, चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने करने, सार्वजनिक परिवहन विद्युतीकरण का सहयोग और विद्युत वाहन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

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