केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने आज स्कोप कन्वेंशन सेंटर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी के चौथे दौर की शुरुआत की।
इस अवसर पर कई अन्य कार्यक्रम भी हुए, जैसे पहले दौर की नीलामी के 6 ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाताओं की घोषणा; 02 नई अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को प्रमाण-पत्र सौंपना; अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को स्वीकृति पत्र सौंपना और अन्वेषण लाइसेंस धारकों द्वारा किये गए अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति के लिए योजना की घोषणा।
आज शुरू की गई नीलामी के चौथे दौर में महत्वपूर्ण खनिजों के 21 ब्लॉक शामिल थे। इन 21 ब्लॉकों में से 11 नए ब्लॉक हैं, जो छह राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। इन ब्लॉकों में ग्रेफाइट, ग्लौकोनाइट, फॉस्फोराइट, पोटाश, निकल, पीजीई, फॉस्फेट और दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) सहित विभिन्न प्रकार के खनिज हैं। इसके अलावा, इस दौर के हिस्से के रूप में, नीलामी की पिछले दौर के “दूसरे प्रयास वाले” ब्लॉकों के रूप में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक पेश किए जा रहे हैं। ये 10 ब्लॉक आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं और इनमें टंगस्टन, वैनेडियम, ग्रेफाइट, ग्लौकोनाइट, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिज हैं।
इसके अलावा, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री और कोयला और खान राज्य मंत्री ने 29 नवंबर, 2023 को शुरू किये गए पहले दौर की नीलामी में रखे गए 6 ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाताओं की घोषणा की। पसंदीदा बोलीदाताओं का विवरण नीचे दिया गया है:
क्रम सं. | खनिज ब्लॉक का नाम | राज्य | खनिज का नाम | रियायत का प्रकार | पसंदीदा बोलीदाता का नाम | नीलामी प्रीमियम |
1 | बाबजा ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉक | ओडिशा | ग्रेफाइट और मैंगनीज अयस्क | एमएल | अग्रसेन स्पोंज प्राइवेट लिमिटेड | 85.05 |
2 | बियारपल्ली ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉक | ओडिशा | ग्रेफाइट और मैंगनीज | एमएल | अग्रसेन स्पोंज प्राइवेट लिमिटेड | 70.05 |
3 | अखरकाटा ग्रेफाइट ब्लॉक | ओडिशा | ग्रेफाइट | सीएल | कुंदन गोल्ड माइंस प्राइवेट लिमिटेड | 13.05 |
4 | इलुप्पाकुडी ग्रेफाइट ब्लॉक | तमिलनाडु | ग्रेफाइट | सीएल | डालमिया भारत रिफ्रैक्टरीज लिमिटेड | 45.00 |
5 | पहाड़ी कलां-गोरा कलां फॉस्फोराइट ब्लॉक | उत्तर प्रदेश | फॉस्फोराइट | सीएल | सागर स्टोन इंडस्ट्रीज | 400.00 |
6 | कटघोरा लिथियम और आरईई ब्लॉक | छत्तीसगढ़ | लिथियम और आरईई | सीएल | मैकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड | 76.05 |
कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने 02 नई अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को प्रमाण पत्र भी सौंपे। यह देश में अन्वेषण की गति बढ़ाने और खनिजों के अन्वेषण में उन्नत तकनीक लाने के उद्देश्य के अनुरूप है, जिसके लिए एमएमडीआर अधिनियम, 1957 को 2021 में संशोधित किया गया था, ताकि निजी अन्वेषण एजेंसियों (पीईए) को अधिसूचित किया जा सके, जो बिना पूर्वेक्षण लाइसेंस के अन्वेषण कार्य कर सकती हैं। इन दो निजी एजेंसियों की अधिसूचना के साथ, एनपीईए की कुल संख्या बढ़कर 22 हो गई है। अब तक, एनपीईए द्वारा एनएमईटी फंड से विभिन्न वस्तुओं के लिए लगभग ₹35.23 करोड़ की 31 परियोजनाएं ली गई हैं।
खनिज संसाधनों के निष्कर्षण में सुरक्षा, मितव्ययिता, गति और दक्षता के सर्वोच्च महत्व को स्वीकार करते हुए और इसे व्यवहार्य आर्थिक मिश्र धातुओं और धातुओं में परिवर्तित करने के लिए, खान मंत्रालय, भारत सरकार 1978 से खनन और धातु विज्ञान क्षेत्र में कई शोध संस्थानों की अनुसंधान और विकास परियोजनाओं (आर एंड डी परियोजनाओं) को वित्त पोषित कर रही है। माननीय मंत्री ने आज 24 आर एंड डी संस्थानों और 10 स्टार्ट-अप को धन अनुदान के रूप में क्रमशः12.37 करोड़ रुपये और 11.26 करोड़ रुपये की कुल राशि के स्वीकृति पत्र सौंपे।
इसके अलावा, केंद्रीय खान मंत्री ने अन्वेषण लाइसेंस धारकों के अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति के लिए एक योजना की भी घोषणा की। इस योजना के तहत, 20 करोड़ रुपये की ऊपरी सीमा के अधीन लागत के 50% तक के अन्वेषण व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी। अन्वेषण लाइसेंस का प्रावधान 2023 में एमएमडीआर अधिनियम में संशोधन के माध्यम से पेश किया गया था। अन्वेषण लाइसेंस के लिए कुल 20 ब्लॉक विभिन्न राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य
प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को सौंपे गए। कर्नाटक और राजस्थान राज्य सरकार अन्वेषण लाइसेंस की नीलामी को अधिसूचित करने वाले पहले राज्य हैं। वर्तमान में, विभिन्न राज्यों द्वारा 9 अन्वेषण लाइसेंसों की नीलामी अधिसूचित की गई है। अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति की योजना छोटी खनन कंपनियों को अन्वेषण लाइसेंस के लिए नीलामी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी और देश में एक मजबूत अन्वेषण इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगी।
इस अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने घोषणा की कि खान मंत्रालय ने नई सरकार के पहले 100 दिनों के भीतर अपतटीय खनिज ब्लॉकों की नीलामी के पहले दौर को शुरू करने की योजना बनाई है।
महत्वपूर्ण खनिज समकालीन औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं की आधारशिला हैं, जो तकनीकी प्रगति का महत्वपूर्ण घटक हैं। आगामी वैश्विक अर्थव्यवस्था लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) आदि खनिजों से जुड़ी प्रौद्योगिकियों पर निर्भर करेगी। उनकी कमी या निष्कर्षण और प्रसंस्करण के लिए कुछ देशों पर निर्भरता हमारी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए कमजोरियाँ पैदा कर सकती है।
इसी के मद्देनजर, खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) को 17 अगस्त 2023 को संशोधित किया गया, जिसके तहत केंद्र सरकार को 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए खनिज रियायत देने की शक्ति प्रदान की गई।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने 29 नवंबर, 2023, 29 फरवरी, 2024 और 14 मार्च, 2024 की एनआईटी के माध्यम से महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी के 3 दौर की शुरुआत की थी। इन तीन दौर में, कुल 38 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिए अधिसूचित किया गया था, जिनमें तेरह अद्वितीय महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज हैं। ये ब्लॉक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं।