दक्षिण-पश्चिम मानसून 10 दिन की सुस्ती के बाद बृहस्पतिवार को उत्तर की ओर बढ़ा और ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा विदर्भ के बड़े भूभाग में पहुंचा, जिससे गर्मी से जूझ रहे शुष्क क्षेत्रों को राहत मिली। मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में देश में सामान्य से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। एक से 20 जून के बीच 77 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य वर्षा 92.8 मिमी होती है।
मौसम विभाग ने कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है।” आईएमडी ने कहा कि अगले तीन से चार दिनों के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गंगा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
सामान्य से दो दिन पहले भारतीय मुख्य भूमि पर पहुंचने और कई अन्य राज्यों को तेजी से कवर करने के बाद मानसून ने 10 से 19 जून के बीच कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की। इससे उत्तर भारत के लिए प्रतीक्षा अवधि बढ़ गई, जो भीषण गर्मी से जूझ रहा है।
वहीं, कोलकाता में मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर बंगाल के ज्यादातर भागों में आ गया है तथा अगले पांच दिनों में क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले पांच दिनों में उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और दार्जिलिंग जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है।
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