नासा ने यूरोपा क्लिपर लॉन्च किया है, जो किसी ग्रह मिशन के लिए बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष यान है। इस अंतरिक्ष यान का उद्देश्य यह जांचना है कि बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा में जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हैं या नहीं। रोबोटिक सौर ऊर्जा से चलने वाला यह यान 5 साल और 6 महीने में लगभग 2 अरब 90 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करने के बाद वर्ष 2030 में बृहस्पति के चारों ओर की कक्षा में प्रवेश करेगा। यूरोपा क्लिपर का नाम इसके गंतव्य, बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा यूरोपा के नाम पर रखा गया है।
भारत ने अपनी स्थापित विद्युत क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर…
प्रधानमंत्री मोदी ने आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के बहादुर…
व्यापक मांग के बाद, भारतीय रेलवे ने सर्दियों के मौसम में व्यापक उड़ान रद्द होने…
फुटबॉल विश्व कप का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ– फीफा ने…
डीजीसीए ने इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर एल्बर्स और एकाउंटेबल मैनेजर इसीड्रो पोर्क्यूरस को…
गोआ के अरपोरा के एक नाइट क्लब में कल देर रात लगी आग में 23…