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एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन के 10वें वर्ष में प्रवेश किया

भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एनएलसी इंडिया लिमिटेड एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आज अक्षय ऊर्जा उत्पादन के 10वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यह दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि 28 सितंबर 2015 को कंपनी ने नेवेली में 10 मेगावाट के सौर फोटोवोल्टिक बिजली संयंत्र को शुरू कर अपनी अक्षय ऊर्जा यात्रा शुरू की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) भारत के ऊर्जा परिदृश्य को लगातार बदल रहा है। 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा की ओर एक मजबूत बदलाव के आह्वान के बाद जब देश ने “मेगावाट से गीगावाट” में बदलाव किया। तब एनएलसी इंडिया लिमिटेड देश में 1 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने वाला पहला सीपीएसई बन गया। यह स्थायी बिजली उत्पादन के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्य रूप से लिग्नाइट आधारित बिजली उत्पादन कंपनी एनएलसीआईएल ने 1380 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों और 51 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्रों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में कदम रखा है। एनएलसीआईएल ने 1234 करोड़ यूनिट ग्रीन एनर्जी का उत्पादन किया है। इससे 1 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से रोका जा सका है। इससे सस्ती और टिकाऊ बिजली उपलब्ध हुई है और लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है।

एनएलसीआईएल की कॉर्पोरेट योजना में 2030 तक 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की परिकल्पना की गई है। इसे प्राप्त करने के लिए एनएलसी इंडिया ने नई सहायक कंपनियों का गठन किया है। एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) संपत्ति मुद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी और एनएलसी इंडिया ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनआईजीईएल) स्वच्छ ऊर्जा पहलों का नेतृत्व करेगी। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में एनएलसीआईएल की सदस्यता कोयला क्षेत्र के भीतर पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के मार्गदर्शन में एनएलसीआईएल अक्षय ऊर्जा नवाचार के मामले में सबसे आगे है। यह सौर तथा पवन ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण प्रणाली (ईएसएस), ग्रीन हाइड्रोजन, पंप स्टोरेज हाइड्रो परियोजनाओं, लिग्नाइट से मेथनॉल परिवर्तन, खदान ओवरबर्डन से रेत पहल और महत्वपूर्ण खनिज अन्वेषण परियोजनाओं को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है।

1 दशमलव 4 गीगावॉट की वर्तमान अक्षय ऊर्जा क्षमता के साथ एनएलसीआईएल इस आंकड़े को चौगुना करने के लिए तैयार है। इसका 2030 तक 10 गीगावॉट का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। नेवेली, बरसिंगसर (राजस्थान), गुजरात और असम में महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं। उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त 2024 को एनएलसीआईएल ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू) योजना के अंतर्गत प्रतिस्पर्धी मूल्य पर 200 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए तेलंगाना राज्य डिस्कॉम के साथ 25 साल का बिजली खरीद समझौता किया।

एनएलसी इंडिया लिमिटेड इस यात्रा को जारी रखने और 2070 तक प्रधानमंत्री के नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे एक टिकाऊ और आकांक्षी भारत में योगदान मिलेगा।

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