राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अनुसूचित जाति श्रेणी के अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या 2014-15 के मुकाबले 44 प्रतिशत बढ़ गई है। वर्ष 2014-15 में यह संख्या 46 लाख थी जो 2021-22 में 66 लाख हो गई। अल्पसंख्यक महिला विद्यार्थियों की संख्या भी 2014-15 के मुकाबले 42 प्रतिशत बढ़ी है। अनुसूचित जाति की महिला विद्यार्थियों की संख्या में 51 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के दाखिले में 65 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020-21 में अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को कार्यान्वित किया गया जिससे 34 हजार से अधिक बच्चों को दाखिला मिला। राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में, अन्य पिछड़ा वर्ग के दाखिले में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसमें महिलाओं की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की…
मालेगांव विस्फोट मामले में 17 साल बाद आए फैसले को लगभग सभी अखबारों ने अपनी…
बैंकिंग कानून संशोधन अधिनियम-2025 के मुख्य प्रावधान आज से प्रभावी हो गए हैं। इस अधिनियम…
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को…
निर्वाचन आयोग आज बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण पहल के अंतर्गत तैयार मतदाता सूची का…
भारत सरकार ने सुरक्षा बलों के कल्याण हेतु जैव चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने की…