पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने “हमारा शौचालय: हमारा सम्मान” (एचएसएचएस) राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की है। 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस से शुरु इस अभियान का समापन 10 दिसंबर, 2024 को मानवाधिकार दिवस पर होगा। इस अभियान में स्वच्छता, मानवाधिकार और सामाजिक प्रतिष्ठा के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर जोर दिया जाएगा।
यह अभियान खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ स्वच्छ और स्वस्थ समुदायों के निर्माण के लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देता है। भारत ने 2019 में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) का दर्जा हासिल किया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण में ओडीएफ प्लस की शुरूआत की गई ताकि ऐसे आदर्श गांवों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाय जहां खुले में शौच मुक्त की स्थिति कायम रखने की उपलब्धि सर्वोच्च मानदंड हो। यह विश्व शौचालय दिवस की भावना के अनुरूप है। साथ ही इसका उद्देश्य यह याद दिलाना और सुनिश्चित करना भी है कि शौचालय का निरंतर उपयोग और रखरखाव उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शुरुआती मील के पत्थर को हासिल करना। “हमारा शौचालय: हमारा सम्मान” (एचएसएचएस) अभियान इन प्रयासों को जारी रखने और आगे बढ़ाने के लिए समय पर तत्काल कार्रवाई का आह्वान करता है।
इस अभियान की टैगलाइन “शौचालय संवारे, जीवन निखारें” के अनुरूप यह पहल कमजोर समूहों, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों पर मजबूती से ध्यान केंद्रित करने के साथ, शौचालयों के उस महत्व को रेखांकित करती है कि यह बुनियादी ढांचे से ऊपर उठकर सम्मान, समानता और सार्वजनिक स्वास्थ्य की नींव हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव, अशोक केके मीना ने इस अभियान के बारे में बोलते हुए निरंतर व्यवहार में परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए इस दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया कि इसे समाज के निम्न वर्ग से उच्च वर्ग के स्तर की ओर बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि, “स्वच्छता सम्मान और विकास की आधारशिला है। ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान समुदायों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत, प्रखंड, जिले और राज्य सहित हर स्तर पर उत्तरदायित्व दिये गये हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक हितधारक स्वच्छता के लिए जरूरी तौर-तरीकों को जारी रखने, गौरवपूर्ण जीवन का निर्माण करने और दीर्घकालिक प्रभाव को आगे बढ़ाने में योगदान दे।” उन्होंने यह भी कहा कि विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर जिस तरह हम सतत विकास लक्ष्य-6 को हासिल के वैश्विक प्रयासों से जुड़े हुए हैं, उसके साथ ही भारत स्वच्छता में सबकी भागीदारी और यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहरा रहा है कि इस प्रयास में कोई भी पीछे नहीं छूटेगा।
अभियान की प्रमुख गतिविधियाँ
इस अभियान में वे विभिन्न प्रकार के कार्य शामिल हैं जिनसे स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों को मजबूती से जारी रखा जाए और स्वच्छ एवं चालू हालत में शौचालयों को गर्व से बढ़ावा देने के उद्देश्य की पूर्ति हो।
इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और देश भर में शौचालयों की कार्यक्षमता और सुन्दरता को बढ़ाकर सामुदायिक गौरव की भावना को मजबूत करना है। खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने की स्थिति जारी रखने के प्रयासों को बढ़ावा देना इस बात पर जोर देता है कि स्वच्छता केवल एक बार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और अधिक प्रतिष्ठित भारत के निर्माण की ओर एक सतत यात्रा है।
जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ((डीडीडब्ल्यूएस) ने सभी से “हमारा शौचालय: हमारा सम्मान” (एचएसएचएस) अभियान को सफल बनाने की अपील की है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि देश स्वच्छ भारत मिशन की विरासत को आगे बढ़ा रहा है, तो वे स्थायी तौर पर स्वच्छता कायम रखने के लिए मिलकर काम करें।
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