पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में संगीत, रचनात्मक उद्योगों और स्टार्टअप से संबंधित तीन दिवसीय बहु-विषयक सम्मेलन राइज/डीईएल 2025 को संबोधित किया
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में संगीत, रचनात्मक उद्योगों और स्टार्टअप से संबंधित तीन दिवसीय बहु-विषयक सम्मेलन राइज/डीईएल 2025 को संबोधित किया। उन्होंने भारत के रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र की शक्ति और देश के भविष्य को संवारने में डिजिटल नवाचार की भूमिका पर जोर दिया।
पीयूष गोयल ने रचनात्मक उद्योग से भारत की गाथा विश्व के समक्ष पहुंचाकर देश के आर्थिक विकास में और अधिक योगदान देने का आग्रह किया। पीयूष गोयल ने उनसे अपने काम में विश्वास और प्रामाणिकता बनाए रखने तथा अपने कार्य उत्पादन की जिम्मेदारी और जवाबदेही लेने को कहा। पीयूष गोयल ने अमृत काल में भारत के अभ्युदय में रचनात्मक उद्योग के योगदान के लिए लिए 4 पहलुओं की पहचान की जिनमें दायित्वपूर्ण सामग्री, अभिनव कथ्य शिल्प, कार्य कौशल बढ़ाना और भारतीय रचनात्मकता को विश्व पटल पर प्रस्तुत करना शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आप जो सपने देखते और संजोते हैं वे ही अंत में वास्तविकता का रुप लेते हैं। जब आप सब सृजनकर्ता एक साथ एक मंच पर आएंगे तो यह भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सामग्री निर्माण में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि सृजनकार भारत के डिजिटल दूत हैं जो भारत की गाथा दुनिया तक पहुंचाते हैं। यह भारत के प्रति वैश्विक धारणाओं को आकार देने तथा भारतीय संस्कृति को विस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पीयूष गोयल ने उल्लेख किया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दशक पहले डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य भारत के सबसे दूरस्थ इलाकों में भी प्रसारण सामग्री, स्टार्टअप और इससे जुड़े उद्यमियों की नई दुनिया निर्मित करने की क्षमता हो। उन्होंने कहा कि कम लागत वाले डेटा तक पहुंच प्रदान करना सरकार की डिजिटल इंडिया नीति के प्रमुख स्तंभों में से एक है। इसने भारत को वैश्विक स्तर पर डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता बना दिया है। पीयूष गोयल ने कहा कि यूरोप, अमेरिका या किसी अन्य विकसित देश की तुलना में हमारे डेटा की लागत बहुत कम है। कम लागत वाले इस डेटा को भारत की गुणवत्तापूर्ण प्रतिभा के साथ मिलाकर हम रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं।
पीयूष गोयल ने भारत के रचनात्मक क्षेत्र में अपार अवसरों का उल्लेख किया जो फिल्मों, नाटकों और थिएटरों जैसे मनोरंजन के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर अब गेमिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त प्रसारण सामग्री निर्माण और डिजिटल मीडिया की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रही है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग पहले ही कई अरब डॉलर का क्षेत्र बन गया है और देश में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि पहले के रचनात्मक उद्योग-फिल्म निर्माण, नाटक और थिएटर अब गेमिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी भविष्य की तकनीकों के साथ मनोरंजन के नए स्वरूपों में बदल रहे हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने राइज/डीईएल में प्रतिभागियों से इस जुड़ाव का लाभ उठाते हुए भविष्य में वृद्धि और विकास के लिए कार्य योजना तैयार करने को प्रोत्साहित किया। पीयूष गोयल ने नई तकनीकों को आम लोगों तक पहुंचाने और लोगों को भारत के समृद्ध इतिहास, परंपराओं और संस्कृति से जोड़ने में प्रभावित और प्रेरित करने वालों की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षण पद्धति से भी शिक्षा प्रदान करने के उपकरण विकसित किए जा सकते हैं जिससे प्रसारण सामग्री निर्माणकर्ताओं के लिए विपुल संभावना उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि सामग्री निर्माणकर्ताओं की आम आदमी से जुड़ने की विशेष क्षमता होती है जो अवसरों के द्वार खोलती है।
पीयूष गोयल ने लोगों के विचार और तकनीक विकसित करने में मदद के लिए सरकार की सहायक भूमिका पर फिर जोर दिया। उन्होंने रचनाशीलता, दृश्य-श्रव्य कला और प्रसारण सामग्री निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी का उल्लेख करते हुए पूरी दुनिया के कलाकारों को इस क्षेत्र में भारत के साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के साथ जितना अधिक जुड़ेंगे, भारतीय सृजनकारों के लिए अवसर उतने ही अधिक बढ़ेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय कलाकारों को पहले से ही वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली हुई है और अब प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हम दुनिया के हर घर तक पहुंच सकते हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने में सृजनशीलता की क्षमता की चर्चा करते हुए पीयूष गोयल ने महाकुंभ का उदाहरण दिया कि कैसे डिजिटल तथ्य प्रस्तुतिकरण द्वारा वैश्विक दर्शक आकर्षित हुए। उन्होंने कहा कि जब आप भारत के अनुभवों को दुनिया में पहुंचाते हैं तो इससे अधिक जिज्ञासा उत्पन्न होती है और अधिक संख्या में पर्यटक भारत की ओर आकर्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था में कई गुना योगदान देगा। पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि सरकार आगंतुक सैलानियों की रोमांचक और आनंददायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर उनके अनुभव यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पीयूष गोयल ने प्रसारण सामग्री के वैश्विक कंटेंट हब बनने की भारत की महत्वाकांक्षा की पुष्टि करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने प्रसारण सामग्री निर्माणकर्ताओं को दायित्वपूर्ण और अनूठे प्रसारण सामग्री निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया और भारत की निर्यात आय बढ़ाने में कंटेंट निर्माण कौशल, कथ्य शिल्प, फिल्म निर्माण, संगीत रचना, गेमिंग और डिजिटल मीडिया की भूमिका पर जोर दिया। पीयूष गोयल ने कहा कि राइज – कंटेंट क्रिएटर उद्योग का भविष्य है और अमृत काल में भारत को विकसित राष्ट्र बनने में इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने सामग्री सृजनकारों से अपनी रचना दुनिया के सामने प्रस्तुत करने, आत्मविश्वास के साथ स्टार्टअप बनाने और आगामी पीढ़ियों के लिए विरासत निर्माण का आह्वान किया। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार और सामग्री सृजनकार मिलकर दुनिया के सामने भारत की गौरव गाथा को नया आकार दे सकते हैं।