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PM Modi meets Senior General Min Aung Hlaing, Chairman of the State Administration Council of Myanmar, on the sidelines of BIMSTEC Summit in Bangkok
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प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के अध्यक्ष सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग से मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के प्रधानमंत्री और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के अध्यक्ष सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग से मुलाकात की।

दोनों नेताओं ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद की स्थिति पर चर्चा की, जिसमें म्यांमार को मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत भारत द्वारा किए जा रहे प्रयास भी शामिल थे। सीनियर जनरल ने भारत के सहायता प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सबसे पहले मदद करने वाले के रूप में भारत इस संकट की घड़ी में म्यांमार के साथ खड़ा है और आवश्यकता पड़ने पर अधिक सामग्री सहायता और संसाधन तैनात करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री मोदी ने समावेशी और विश्वसनीय चुनावों के जरिये लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शीघ्र बहाली के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने विश्वास को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण, स्थिर और लोकतांत्रिक भविष्य की दिशा में म्यांमार के अपने और म्यांमार के नेतृत्व वाले परिवर्तन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किये गये प्रयासों का समर्थन किया। म्यांमार में चल रही जातीय हिंसा से उत्पन्न मानवीय संकट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि स्थायी शांति केवल समावेशी संवाद के जरिये ही प्राप्त की जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर साइबर-घोटाला केंद्रों से भारतीय नागरिकों को बचाने और उन्हें स्वदेश लौटाने में म्यांमार द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की। दोनों पक्षों ने भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवादी गतिविधियों, अंतरराष्ट्रीय अपराधों और मानव तस्करी से निपटने में सहयोग करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने म्यांमार में चल रही भारत समर्थित बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने म्यांमार के सभी समुदायों की विकास संबंधी आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए भारत की तत्परता को रेखांकित किया।

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