प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों से जन योजना अभियान – ‘सबकी योजना, सबका विकास’ में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के ग्रामीण निवासियों और हितधारकों से अपील की है कि वे जन योजना अभियान – ‘सबकी योजना, सबका विकास’ (2024-25) में सक्रिय भूमिका निभाएं। प्रधानमंत्री ने 1 अक्टूबर 2024 को लिखे अपने पत्र में वर्ष 2025-26 के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) की तैयारी में उत्साही और प्रतिबद्ध भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने प्राचीन वैदिक श्लोक “विश्वं पृष्टं ग्रामे अस्मिन् अनातुरम्”, जिसका अर्थ है “जिस तरह विश्व अपने आप में परिपूर्ण है, उसी तरह हमारे गांव भी उतने ही समर्थ, सक्षम और सम्पन्न बनें,” से प्रेरणा लेते हुए आत्मनिर्भर और सशक्त गांव बनाने के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक नागरिक और हितधारक जीपीडीपी में अपने योगदान के माध्यम से इस दृष्टिकोण को साकार करने में अपनी भूमिका निभाता है जो ग्रामीण भारत के समग्र और सतत विकास के लिए केंद्रीय है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में व्यापक भागीदारी का आह्वान किया है, जिसमें सभी से अपनी पंचायतों को विकास और प्रगति के केंद्र में बदलने में मदद करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने दोहराया कि इस पहल की सफलता सामूहिक प्रयास पर निर्भर करती है, जिसका उद्देश्य सभी के लिए समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित करना है। पंचायती राज मंत्रालय ने सभी पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह संदेश देश के हर कोने तक पहुंचे तथा सभी को एक मजबूत, आत्मनिर्भर, विकसित और अधिक समृद्ध भारत के लिए जन योजना अभियान – ‘सबकी योजना, सबका विकास’ में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अभियान को विकसित (विकसित भारत) और स्वयं पर भरोसा रखनेवाले भारत (आत्मनिर्भर भारत) के दृष्टिकोण से जोड़ने पर जोर दिया है। उन्होंने समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में एकता के महत्व पर बल देते हुए सरपंचों, पंचायत सदस्यों और निवासियों से उत्साह के साथ इस अभियान में भाग लेने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विकास प्रक्रिया में हर आवाज और हर विचार का महत्व है। केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने जन योजना अभियान को लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का अनूठा प्रयास बताया है। उन्होंने गांव के विकास की योजना बनाने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने पर जोर दिया और वास्तविक जरूरतों को पूरा करने वाली योजनाएं तैयार करने के लिए ग्राम सभाओं में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया। राज्य मंत्री ने अभियान के सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ाव की ओर भी ध्यान दिलाया और व्यापक जानकारी के प्रसार के लिए विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को ग्राम सभाओं में भाग लेने के लिए दिए गए निमंत्रण का भी उल्लेख किया।
आज (2 अक्टूबर को) 2025-26 के लिए पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की तैयारी के लिए राष्ट्रव्यापी जन योजना अभियान की शुरुआत की गई है। भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने देश भर की सभी पंचायतों और हितधारकों से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण “जन योजना अभियान” (2024-25) में सक्रिय रूप से भाग लें। जन योजना अभियान, ‘सबकी योजना सबका विकास’ की भावना को मूर्त रूप देते हुए, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और ग्रामीण भारत में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभियान ग्रामीण नागरिकों को स्थानीय विकास की योजना प्रक्रियाओं में भाग लेकर अपने गांवों के भविष्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाने की ताकत देता है।
इस महत्वपूर्ण पहल के समर्थन में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति आगे आए हैं। पंचायती राज मंत्रालय के यूट्यूब चैनल (https://www.youtube.com/playlist?list=PLr1WFeVzpoLu2lw_Dq-SeCV7vujuKBXDW) पर उपलब्ध विशेष रूप से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेशों के माध्यम से, उन्होंने पंचायतों और लोगों से जन योजना अभियान में पूरे उत्साह के साथ शामिल होने की अपील की है।
इस अभियान का समर्थन करने वाले अन्य उल्लेखनीय गणमान्य व्यक्तियों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (डॉ.) मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा और बिहार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित संदेश के माध्यम से पंचायतों और स्थानीय निवासियों से जन योजना अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक सहभागिता और विकास को बढ़ावा देने के लिए नेतृत्व की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। यहां उल्लेखनीय है कि विष्णु देव साय, भजन लाल शर्मा और केदार प्रसाद गुप्ता ने सरपंच/मुखिया के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जो स्थानीय स्वशासन में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
इस वर्ष, ‘सबकी योजना सबका विकास’ अभियान में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां शामिल हैं, इसमें 2 अक्टूबर 2024 को विशेष ग्राम सभाओं के माध्यम से भारत गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ मनाने की विशेष पहल भी शामिल है। ये ग्राम सभाएं वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपनी पंचायत विकास योजना (पीडीपी) तैयार करने के लिए ग्राम पंचायतों (जीपी) को उन्मुख करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जिसमें 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें, 6,700 ब्लॉक पंचायतें और 665 जिला पंचायतें शामिल होंगी। पंचायती राज मंत्रालय के अधिकारियों और सलाहकारों को 2 अक्टूबर 2024 को विशेष ग्राम सभाओं के आयोजन की देखरेख और निगरानी के लिए विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चयनित ग्राम पंचायतों में तैनात किया गया है। उनकी उपस्थिति का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली पंचायत विकास योजनाओं को विकसित करने के लिए अधिक सुव्यवस्थित, समावेशी और व्यवस्थित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान करना है।
इस अभियान के तहत 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जा रही हैं। ये विशेष रूप से आयोजित और अच्छी रूप-रेखा के अनुसार तैयार ग्राम सभाएँ नागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने, अपनी जरूरतों को साझा करने और अपने क्षेत्रों की विकास योजना में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए मंच प्रदान करती हैं। जन योजना अभियान भारत में समावेशी और सहभागी ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य योजना प्रक्रिया में ग्रामीण नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करके ऐसी विकास योजनाएं बनाना है जो वास्तव में स्थानीय आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करें। इस पहल की सफलता और गांवों की ताकत पर आधारित विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं और ग्रामीण स्थानीय निकायों का समर्थन और सहभागिता महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ेगा, ग्रामीण समुदायों में अपनी विकास प्रक्रियाओं के प्रति संचालन करने की भावना को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वर्ष 2025-26 के लिए अधिक प्रभावी और स्थानीय रूप से प्रासंगिक पंचायत विकास योजनाएँ बनाई जा सकेंगी।
आईआईटी दिल्ली द्वारा समन्वित उन्नत भारत अभियान (यूबीए) इस वर्ष एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसमें उन्नत भारत अभियान के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के 15,000 से अधिक छात्रों को जन योजना अभियान में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘सबकी योजना सबका विकास’ अभियान के रूप में जाना जाता है। ये छात्र न केवल 2 अक्टूबर 2024 को विशेष ग्राम सभा में भाग लेंगे, बल्कि विभिन्न ग्राम पंचायतों में जीपीडीपी की तैयारी में भी सहायता करेंगे। यूबीए और पंचायती राज मंत्रालय के बीच इस साझेदारी का उद्देश्य जमीनी स्तर पर इस योजना में युवा प्रतिभाओं को शामिल करना है, जो इस अभियान के इतिहास में पहली बार हो रहा है। इसके अलावा, मॉडल ग्राम पंचायत क्लस्टर (पीसीएमजीपीसी) बनाने की परियोजना के तहत काम करने वाले युवा फेलो और साथ ही पिरामल फाउंडेशन, एस्पिरेशनल भारत कोलैबोरेटिव (एबीसी) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (टीआरआईएफ) के फेलो 2 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे एल.एस.डी.जी. पर पूर्व-योजना और दिशानिर्देशों में सरपंच की सहायता करेंगे, पी.डी.आई. स्कोर और एल.एस.डी.जी. थीम पर ग्राम सभा सदस्यों को प्रशिक्षण देंगे तथा उपयुक्त प्रयासों की पहचान करने और थीम चयन में सहायता करेंगे।
पंचायती राज मंत्रालय 2 अक्टूबर 2024 को देश भर में 750 ग्राम पंचायतों में एक विशेष ग्राम सभा सह-दिशानिर्देश/प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की एक ऐतिहासिक पहल शुरू कर रहा है। अपनी तरह का यह पहला आयोजन, पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) का निर्माण सुनिश्चित करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। भारतीय गणतंत्र का 75वां वर्ष, कई मायनों में, राष्ट्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के हमारे वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करने और उन्हें शामिल करने का अवसर भी है। उन्हें 750 ग्राम सभाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित करके, जिसका उद्देश्य उनकी आवाज़ को बुलंद करना और एक मजबूत समुदाय का निर्माण करना है, लोगों की भागीदारी की शक्ति के माध्यम से ग्राम स्वराज सुनिश्चित करना है। मंत्रालय नागरिकों से ज्ञान और सहयोग के इस उत्सव में एकजुट होने का आह्वान करता है, जिससे सभी के लिए उज्जवल और अधिक समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके। यह पहल जन योजना अभियान का एक अनिवार्य अंग है, जिसे यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि जमीनी स्तर पर विकास योजना समावेशी, पारदर्शी और प्रभावी हो।
इस पहल का विशेष उद्देश्य ग्रामीण भारत के सतत विकास की दिशा में बुजुर्गों और युवा पीढ़ी दोनों को सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए प्रेरित करने पर है। एक अनूठे दृष्टिकोण के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया जाएगा तथा उन्हें अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। दशकों से भारत में हो रहे बदलावों को देखने से प्राप्त उनका अनुभव, पंचायतों के भविष्य और सतत विकास के लिए दृष्टिकोण को निर्देशित करने में मदद करेगा। योजना प्रक्रिया में बुजुर्गों की भागीदारी ग्रामीण शासन में निहित पारंपरिक ज्ञान और मूल्यों को मजबूत करती है। पंचायती राज मंत्रालय के युवा फेलो, टीआरआईएफ और पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर समन्वयक के रूप में कार्य करेंगे। वे पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों को विकास योजना के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण और शासन में अंतराल की पहचान पर केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
2, अक्टूबर के विशेष ग्राम सभा सह-दिशानिर्देश/प्रशिक्षण कार्यक्रम में इंटरैक्टिव सत्र भी शामिल होंगे, जहां वरिष्ठ नागरिक पंचायतों के विकास, प्रथम पंचायत चुनाव से लेकर वर्तमान शासन प्रथाओं तक की अपनी यादें साझा करेंगे। इसके बाद स्थानीय शासन में मौजूदा कमियों और भविष्य के लक्ष्यों पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम में वृक्षारोपण अभियान (एक पेड़ माँ के नाम), स्वच्छता, फिटनेस और नशा मुक्त समाज के लिए सामुदायिक प्रतिज्ञाएं, साथ ही गुणवत्तापूर्ण पंचायत विकास योजनाएँ तैयार करने की सामूहिक प्रतिबद्धता भी शामिल हैं।
यह पहल शासन के प्रति एक अग्रगामी सोच वाले दृष्टिकोण का प्रतीक है – जो परंपरा को महत्व देता है तथा सतत विकास और ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करता है। पंचायती राज मंत्रालय सभी ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों और समुदायों से इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान करता है। हम 750 ग्राम सभाओं के साथ अपने गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और लोगों की भागीदारी के माध्यम से ग्राम स्वराज सुनिश्चित कर रहे हैं।