भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस पर विद्यार्थियों से बातचीत की

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की- जयंती पराक्रम दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में संसद के सेंट्रल हॉल में अपने युवा मित्रों से विशेष बातचीत की। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से पूछा कि 2047 तक देश का लक्ष्य क्या है, इस पर एक विद्यार्थी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) बनाना है। प्रधानमंत्री ने जब यह पूछा कि 2047 तक ही क्यों तब एक अन्य विद्यार्थी ने उत्तर दिया कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा होगा तब हमारी मौजूदा पीढ़ी राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार हो जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों से आज के दिन के महत्व के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है, जिनका जन्म ओडिशा के कटक में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेताजी बोस की जयंती मनाने के लिए कटक में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने एक अन्य छात्रा से पूछा कि नेताजी का कौन सा नारा आपको सबसे अधिक प्रेरित करता है, तो उसने जवाब दिया, “तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा”। उसने आगे कहा कि नेताजी बोस ने हर चीज से ऊपर अपने देश को रखकर सच्चे नेतृत्व का प्रदर्शन किया और यह समर्पण हमें बहुत प्रेरित करता है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप इससे प्रेरित होकर क्या कार्य करते हैं, तब छात्रा ने उत्तर दिया कि वह देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए प्रेरित है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का एक हिस्सा है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने छात्रा से पूछा कि कार्बन उत्‍सर्जन कम करने के लिए भारत में क्या पहल की गई है, तो उसने जवाब दिया कि विद्युतचालित वाहन और बसें शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई 1,200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में चल रही हैं और आगे और भी शामिल की जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पीएम सूर्यगढ़ योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में घर की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करेंगे। इससे बिजली बिलों के भुगतान की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्पादित बिजली का उपयोग विद्यतचालित वाहनों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर खर्च कम होगा और प्रदूषण पर काबू पाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों को बताया कि निजी उपयोग के बाद घर पर उत्पादित अतिरिक्त बिजली सरकार को बेची जा सकती है, जो इसे खरीदेगी और धन देगी। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि आप घर पर बिजली पैदा कर सकते हैं और इसे लाभ के लिए बेच सकते हैं।

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