भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने आज भारत के 20 से अधिक शहरों में विश्व प्रत्यायन दिवस मनाया। नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय था “प्रत्यायन: कल को सशक्त बनाना और भविष्य को आकार देना।” कार्यक्रम का उद्घाटन उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास, भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष जक्षय शाह के साथ-साथ उद्योग जगत के नेता, सरकारी अधिकारी तथा कंपनी प्रमुख उपस्थित थे, जिन्होंने सभी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को आकार देने में प्रत्यायन की भूमिका पर चर्चा की।
राजेश कुमार सिंह ने मानक प्रथाओं से आगे जाने और ऐसी प्रक्रियाएं विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया जो हमें भीड़ से अलग खड़ा करती हैं। उन्होंने कहा कि मान्यता निकाय और संपूर्ण गुणवत्ता प्रणाली को मजबूत बनाना न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि उत्कृष्टता की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
एनएबीएल और एनएबीसीबी दोनों भारत में मान्यता अवसंरचना का गठन करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मंच (आईएएफ) और अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला मान्यता सहयोग (आईएलएसी) की बहुपक्षीय मान्यता व्यवस्था के हस्ताक्षरकर्ता हैं। एनएबीएल के पास 8000 से अधिक मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं और एनएबीसीबी के पास 260 से अधिक मान्यता प्राप्त सीएबी (अनुरूपता मूल्यांकन निकाय) हैं।
भारत सरकार और भारतीय उद्योग द्वारा 1997 में स्थापित भारतीय गुणवत्ता परिषद, भारत में शीर्ष संगठन है जो तीसरे पक्ष की राष्ट्रीय मान्यता प्रणाली की स्थापना और संचालन, सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता में सुधार और गुणवत्ता से संबंधित सभी मामलों पर सरकार और अन्य हितधारकों को सलाह देने के लिए जिम्मेदार है।
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