केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया-भारत खेल उत्कृष्टता फोरम का उद्घाटन किया। ये दो दिवसीय फोरम अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच खेल सहयोग को मजबूत करना है।
इस मौके पर भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ओएएम, गुजरात के खेल, युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों के मंत्री हर्ष संघवी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। सुबह के सत्र में ऑस्ट्रेलियाई खेल जगत के शीर्ष निर्णयकर्ता, भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खेल संस्थान, उच्च शिक्षा प्रदाता और खेल उद्योग के हितधारक मौजूद थे। इस फोरम का मुख्य उद्देश्य ओलंपिक और पैरालिंपिक बोलियों, प्रतिभा विकास, खेल विज्ञान और इवेंट मैनेजमेंट में सहयोग के अवसरों का पता लगाना है।
केंद्रीय मंत्री ने क्रिकेट और हॉकी से परे खेलों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ती साझेदारी पर बल देते हुए प्रतिभा विकास, निजी क्षेत्र की भागीदारी, खेल विज्ञान और खेल उद्योगों में व्यापार को सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में उजागर किया। उन्होंने कहा, “खेलों के प्रति जुनून एक ऐसा साझा धागा है, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया को जोड़ता है। इस ऐतिहासिक मंच के जरिए से, हम क्रिकेट और हॉकी से परे इस साझेदारी का विस्तार करके शीर्ष एथलीट विकास, खेल अवसंरचना और खेल उद्योगों में निवेश कर रहे हैं। 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की भारत की महत्वाकांक्षा हमारे देश की बढ़ती ताकत और खेलों के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
उन्होंने आगे कहा, “खेलो इंडिया, टॉप्स (टीओपीएस), फिट इंडिया और अस्मिता (एएसएमआईटीए) जैसी पहलों के साथ, हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में एक मजबूत खेल इकोसिस्टम बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”
इस फोरम का उद्देश्य खेल विकास में ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञता का लाभ उठाना और भारत को 2036 ओलंपिक और पैरालिंपिक की बोली के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराना है। चर्चाएं उत्तम प्रतिभा विकास, प्रमुख खेल आयोजन प्रबंधन, विविधता और समावेशन तथा खेल विज्ञान पर केंद्रित थीं। मुख्य उद्देश्यों में ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों के आयोजन पर ज्ञान साझा करना, भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई शैक्षणिक और खेल संस्थानों के बीच संबंधों को मजबूत करना, खेल-संबंधी उद्योगों में कॉर्पोरेट निवेश और व्यापार को प्रोत्साहित करना, उन्नत खेल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए एथलीट के प्रदर्शन को बेहतर करना और भविष्य के लिए एक रोडमैप बनाना शामिल हैं।
गुजरात को खेल अवसंरचना के लिए एक बढ़ते केंद्र के रूप में रेखांकित करते हुए रक्षा खडसे ने भारत के एक खेल महाशक्ति बनने के विज़न में विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि इस तरह के आदान-प्रदान भारत को एक वैश्विक खेल शक्ति बनाने में योगदान देंगे। खेलों की संस्कृति बढ़ती रहेगी और मजबूत साझेदारी के साथ हम विश्व स्तरीय अवसंरचना और प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित करेंगे।”
ऑस्ट्रेलिया-भारत खेल उत्कृष्टता मंच भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एक ज्यादा मजबूत, अधिक प्रतिस्पर्धी खेल अवसंरचना के निर्माण की दिशा में है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। भारत-ऑस्ट्रेलिया खेल सहयोग को मार्गदर्शन देने के लिए अनुशंसाओं का एक सेट तैयार किया जाएगा। इसमें खेल संस्थानों के बीच और घनिष्ठ कार्य संबंधों को बढ़ावा देना, उच्च शिक्षा सहयोग को मजबूत करना और ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञता के साथ भारत की दीर्घकालिक ओलंपिक और पैरालिंपिक रणनीति का समर्थन करना शामिल है।