औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में घटकर 3.87 प्रतिशत रह गई जबकि इस साल मार्च में यह 4.2 प्रतिशत थी। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को औद्योगिक श्रमिकों के लिए फरवरी, मार्च और अप्रैल, 2024 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़े जारी किए। इस सूचकांक को आधार बनाते हुए सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत तय करती है।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मार्च महीने के लिए सालाना आधार पर मुद्रास्फीति 4.20 प्रतिशत रही, जबकि मार्च, 2023 में यह 5.79 प्रतिशत थी।’’ अप्रैल, 2024 के महीने में मुद्रास्फीति साल भर पहले के 5.09 प्रतिशत की तुलना में 3.87 प्रतिशत रही। वहीं फरवरी के महीने में सालाना मुद्रास्फीति 4.90 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की समान अवधि में 6.16 प्रतिशत थी।
श्रम और रोजगार मंत्रालय से संबद्ध श्रम ब्यूरो औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण 88 केंद्रों में फैले 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संकलित करता है। फरवरी के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-औद्योगिक श्रमिक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) 0.3 अंक बढ़कर 139.2 अंक पर रहा। मार्च का सूचकांक 0.3 अंक घटकर 138.9 अंक पर आ गया जबकि अप्रैल में अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.5 अंक बढ़कर 139.4 हो गया।