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पिछले तीन महीनों में मंडी कीमतों में गिरावट के साथ तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट आई

पिछले तीन महीनों में मंडी कीमतों में गिरावट के साथ तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है या वे स्थिर बनी हुई हैं। उपभोक्ता मामले विभाग दालों की मंडी और खुदरा कीमतों के रुझानों पर विचार-विमर्श करने के लिए भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) और संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ नियमित बैठकें कर के यह सुनिश्चित करता है कि खुदरा विक्रेता खुदरा मार्जिन को उचित स्तर पर बनाए रखें।

खुदरा बाजार में सीधे हस्तक्षेप करने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक से दालों के एक हिस्से को भारत दाल ब्रांड के तहत उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया है। इसी तरह, भारत ब्रांड के तहत खुदरा उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर आटा और चावल वितरित किया जाता है। थोक बाजारों में उच्च मूल्य वाले उपभोक्ता केंद्रों और खुदरा दुकानों के माध्यम से कीमतों को कम करने के लिए बफर स्टॉक से प्याज को एक संतुलित और लक्षित तरीके बाजार में उतारा जाता है। प्रमुख उपभोग केंद्रों में स्थिर खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं के बीच प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जाता है। इन उपायों से दालों, चावल, आटा और प्याज जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुएं उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने और कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है।

घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए दालों का सुचारू और निर्बाध आयात सुनिश्चित करने हेतु, तुअर और उड़द के आयात को 31.03.2025 तक ‘मुक्त श्रेणी’ में रखा गया है और मसूर के आयात पर 31.03.2025 तक कोई शुल्क नहीं लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने घरेलू बाजार में दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 31.03.2025 तक देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की भी अनुमति दी है। तुअर, उड़द और मसूर की स्थिर आयात नीति व्यवस्था देश में तुअर और उड़द की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने में प्रभावी रही है, क्योंकि आयात का प्रवाह निरंतर बना हुआ है, जिससे दालों की उपलब्धता बनी हुई है और कीमतों में असामान्य वृद्धि पर अंकुश लगा है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने किसानों के जागरूकता अभियान, आउटरीच कार्यक्रम, बीज वितरण आदि के लिए एनसीसीएफ और नैफेड को सहायता प्रदान की। सरकार ने नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और पीएम-आशा योजना के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) घटकों के तहत तुअर और उड़द की सुनिश्चित खरीद के लिए किसानों का पूर्व-पंजीकरण लागू किया है। 22.11.2024 तक एनसीसीएफ और नैफेड द्वारा कुल 10.66 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया है।

खरीफ फसलों की स्थिति अच्छी है और मूंग, उड़द जैसी कम अवधि वाले फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है, जबकि तुअर की फसल की कटाई अभी शुरू ही हुई है। फसल के लिए मौसम भी अनुकूल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं तक आपूर्ति श्रृंखला में अच्छा प्रवाह बना हुआ है, और दालों की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री और सार्वजनिक वितरण मंत्री बी.एल. वर्मा ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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