रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप (रूटेज) स्मार्ट विलेज सेंटर (आरएसवीसी) का बहुप्रतीक्षित शुभारंभ कल सोनीपत के मंडौरा गांव में संपन्न हुआ, जोकि ग्रामीण तकनीकी उन्नति की दिशा में एक परिवर्तनकारी क्षण है। आरएसवीसी मंडौरा का उद्घाटन भारत सरकार के माननीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने किया। इस उद्घाटन कार्यक्रम में मॉडर्न विलेज फाउंडेशन के संस्थापक कमोडोर श्रीधर कोटरा और चालीस गांव विकास परिषद के अध्यक्ष डी.पी. गोयल सहित प्रमुख कार्यान्वयन भागीदार शामिल थे। इन दोनों साझेदारों ने इस दूरदर्शी पहल को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आरएसवीसी मंडौरा के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, प्रोफेसर अजय सूद ने कहा कि रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर (आरएसवीसी) ग्रामीण जरूरतों और तकनीकी प्रगति के बीच अंतर को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम नवाचार का जमीनी स्तर तक पहुंचना और हमारे समुदायों के जीवन में बदलाव लाना सुनिश्चित करता है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने आरएसवीसी के निर्माण के पीछे की उस अवधारणा को भी साझा किया, जिसमें ग्रामीण समुदायों की बुनियादी जरूरतों को सीधे पूरा करने वाली प्रौद्योगिकियों तक पहुंचने की राह में सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित गया है। इन चुनौतियों में पशु घुसपैठ, जैविक खेती और आजीविका को उन्नत करने वाली मनका बनाने व बेकरी मशीनरी जैसी तकनीक से जुड़े अभिनव उपाय शामिल हैं। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकियां पिरामिड के निचले भाग तक पहुंचें, जोकि प्रोफेसर सी.के. प्रहलाद द्वारा समर्थित एक अवधारणा है और इस प्रकार ग्रामीण आजीविका को बेहतर बनाने हेतु नवाचारों एवं बाजार के बीच सीधा संबंध बनायें।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय के तत्वावधान में विकसित इस अनूठे केन्द्र का उद्देश्य ग्रामीण जरूरतों के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को समन्वित करना, जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करना और स्थायी उपायों के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाना है।
उपग्रह डेटा, जल निगरानी किट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), सौर ऊर्जा, जैविक उर्वरक, सहायक प्रौद्योगिकियों और आजीविका-केन्द्रित नवाचारों जैसी प्रौद्योगिकियों को जमीनी स्तर पर आगे बढ़ाने में उनके प्रयास इस पहल को चलाने वाली सहयोगात्मक भावना का एक प्रमाण हैं।
रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर (आरएसवीसी) मॉडल की मुख्य विशेषताएं:
यह शुभारंभ प्रौद्योगिकी-संचालित ग्रामीण विकास के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां समुदाय, स्थानीय उद्यमी और विभिन्न हितधारक ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटने के लिए मिलकर काम करते हैं।
शुभारंभ के इस कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों, फाउंडेशनों, कॉरपोरेट्स और गैर सरकारी संगठनों के संचालन समिति के सदस्यों की उपस्थिति भी देखी गई। इनमें से सभी ने आरएसवीसी को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका सामूहिक समर्थन और जुड़ाव यह सुनिश्चित करता है कि इस पहल का न केवल मंडौरा गांव पर बल्कि देश भर के ग्रामीण समुदायों पर स्थायी प्रभाव पड़े।
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