भारत और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की कल 78वीं वर्षगांठ थी। रूस ने विश्वास व्यक्त किया है कि भारत के साथ मैत्री संबंध लगातार बढ़ते रहेंगे। रूस के विदेश मंत्रालय ने टेलीग्राम पर साझा किए गए संदेश में भारत को बधाई दी और द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होने पर विश्वास व्यक्त किया। रूस ने भारत के साथ सामरिक भागीदारी मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और एक बार फिर कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।
रूस ने भारत के साथ गहरे व्यापार संबंधों को भी स्वीकार किया, जो इस वर्ष साठ अरब अमरीकी डॉलर से अधिक पहुंच गया है। रूस ने कहा है कि भारत के साथ परमाणु ऊर्जा का भी महत्व है और इस दिशा में कुंडकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र परियोजना में सहयोग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
भारतीय नौसेना 1 जुलाई, 2025 को रूस के कैलिनिनग्राद में अपने नवीनतम, विध्वंसक और रडार…
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की।…
एन.आई.ए. को पहलगाम आतंकी हमले की घटना में एक बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी…
ईरान ने आज सुबह ऑपरेशन "ट्रू प्रॉमिस 3" के तहत इस साल की अपनी सबसे…
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी-आईएईए ने ईरान में गंभीर स्थिति को देखते हुए कल एक आपात…
ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर अमरीकी सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है और…