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ग्रे मार्केट ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने की सेबी कर रहा है तैयारी

ग्रे मार्केट ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड – सेबी एक ऐसी प्रणाली लाने की योजना बना रहा है, जिसमें निवेशक प्राथमिक सार्वजनिक पेशकश में शेयर आवंटित होते ही उन्हें बेच सकेंगे। आज मुंबई में एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया – ए आई बी आई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि यदि कोई निवेशक आवंटन के तुरंत बाद या लिस्टिंग से पहले अपने शेयर बेचना चाहता है, तो उन्हें उचित रूप से संगठित और विनियमित तरीके से यह अवसर देना बेहतर है।

उन्‍होंने कहा कि फिलहाल दो स्‍टॉक एक्‍सचेंज के साथ यह चर्चा चल रही है कि एलॉटमेंट और लिस्‍टिंग के बीच की तीन दिन की अवधि में शेयरों की खरीद बिक्री की सुविधा इन शर्तों पर दी जाए कि जब शेयर सूचीबद्ध होगा तो यह कारोबार वैध माना जाएगा।

सेबी अध्यक्ष ने कहा कि नियामक का काम आईपीओ की सही कीमत निर्धारित करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि निवेशकों को यह आकलन करने के लिए सभी आवश्यक डेटा तक पहुंच हो कि क्या कीमत उचित है। माधबी पुरी बुच ने कहा कि सेबी एक मानक आईपीओ टेम्पलेट विकसित करने पर भी काम कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नियामक ने आईपीओ दस्तावेजों की समीक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया है। ग्रे मार्केट ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड – सेबी एक ऐसी प्रणाली लाने की योजना बना रहा है, जिसमें निवेशक प्राथमिक सार्वजनिक पेशकश में शेयर आवंटित होते ही उन्हें बेच सकेंगे। आज मुंबई में एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया – ए आई बी आई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि यदि कोई निवेशक आवंटन के तुरंत बाद या लिस्टिंग से पहले अपने शेयर बेचना चाहता है, तो उन्हें उचित रूप से संगठित और विनियमित तरीके से यह अवसर देना बेहतर है।

उन्‍होंने कहा कि फिलहाल दो स्‍टॉक एक्‍सचेंज के साथ यह चर्चा चल रही है कि एलॉटमेंट और लिस्‍टिंग के बीच की तीन दिन की अवधि में शेयरों की खरीद बिक्री की सुविधा इन शर्तों पर दी जाए कि जब शेयर सूचीबद्ध होगा तो यह कारोबार वैध माना जाएगा।

सेबी अध्यक्ष ने कहा कि नियामक का काम आईपीओ की सही कीमत निर्धारित करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि निवेशकों को यह आकलन करने के लिए सभी आवश्यक डेटा तक पहुंच हो कि क्या कीमत उचित है। माधबी पुरी बुच ने कहा कि सेबी एक मानक आईपीओ टेम्पलेट विकसित करने पर भी काम कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नियामक ने आईपीओ दस्तावेजों की समीक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया है।

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