भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दावा न की गई वित्तीय परिसंपत्तियों के मुद्दे का समाधान करने के लिए “भारतीय प्रतिभूति बाजार में दावा न की गई परिसंपत्तियों को कम करने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में डिजिलॉकर का उपयोग” शीर्षक से एक परिपत्र जारी किया है। यह पहल निवेशकों को डिजिलॉकर (एक प्रमुख डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना) के माध्यम से अपने डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी संग्रहीत करने और उस तक पहुंचने में सक्षम बनाती है, जिससे निवेशकों और उनके परिवारों को लाभ मिलता है।
पहल की मुख्य विशेषताएं
सेबी और डिजिलॉकर की सहभागिता
वित्तीय रिकार्ड्स तक निर्बाध पहुंच की सुविधा प्रदान करके यह मैकेनिज्म दावा रहित परिसंपत्तियों को कम करने में मदद करेगा तथा उन परिसंपत्तियों की पहचान सुनिश्चित करता है जो अन्यथा अज्ञात रह जाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने…
लोकसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा शुरू हुई। राष्ट्रीय गीत,…
थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर तनाव बढ़ गया है। सिसाकेट और उबोन रत्चथानी प्रांतों…
श्रीलंका को तत्काल खोज एवं बचाव तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता प्रदान…
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति का 20वां सत्र नई दिल्ली के…
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतसत्र…