वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने कल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), नाबार्ड और राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेश स्तरीय बैंकर्स समिति के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन जैसी कृषि-संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वितरण की प्रगति की समीक्षा की। राज्य सरकारों/केन्द्रशासित प्रदेशों तथा पशुपालन व डेयरी विभाग एवं मत्स्यपालन विभाग के प्रतिनिधियों ने भी इस चर्चा में भाग लिया।
एम. नागराजू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से आग्रह किया कि वे चालू वित्त वर्ष के दौरान संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने राज्य सरकारों से इन क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में सुधार लाने के लिए बैंकों को सुविधा प्रदान करने पर बल दिया।
डीएफएस सचिव ने कृषि विकास को गति देने तथा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार क्षमता बढ़ाने में संबद्ध क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया तथा संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वितरण में क्षेत्रीय असमानता पर प्रकाश डाला। संबद्ध गतिविधियों में अपार संभावनाओं को देखते हुए एम. नागराजू ने बैंकों को सभी क्षेत्रों में ऋण वितरण सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर मूल्यांकन करने तथा बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया। डीएफएस सचिव ने नाबार्ड को मछली पालकों की पहचान करने तथा उन्हें केसीसी योजना का लाभ प्रदान करने में राज्य से जुड़े विभागों तथा एलडीएम के साथ समन्वय करने का भी निर्देश दिया।
एम. नागराजू ने संबद्ध क्षेत्र के लिए निर्बाध रूप से किफायती ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया और सभी हितधारकों से इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया।
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