कान फिल्म महोत्सव में निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म “मंथन” दिखाई गई जो लोगों के दिलों पर फिर से छाप छोड़ने में सफल रही। मंथन फिल्म 48 साल पहले बनाई गई थी और इसके निर्माण में गुजरात के पांच लाख किसानों ने धन दिया था। वर्ष 1976 में बनी यह फिल्म डॉ. वर्गीस कुरियन के दूग्ध सहकारी आंदोलन से प्रेरित है, जिसे शुक्रवार को ‘कान क्लासिक्स सेगमेंट’ के तहत प्रदर्शित किया गया।
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपनी पत्नी रत्ना पाठक शाह, दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर, डॉ. कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन और अमूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयेन मेहता के साथ कान में रेड कार्पेट पर नजर आए।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के…
स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्धपोत, भारतीय नौसेना जहाज कदमत्त, अपनी तीन…
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 में सीनियर पुरुष 1000 मीटर स्प्रिंट…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे। वे दोपहर लगभग 12…
केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज नई दिल्ली में एक…