असंगठित क्षेत्र के उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (ASUSE) 2021-22 और 2022-23 पर डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन का सफल समापन
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने आज चेन्नई के ले रॉयल मेरिडियन होटल में आयोजित असंगठित क्षेत्र के उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) 2021-22 और 2022-23 पर डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी जाहिर की है। यह सम्मेलन डेटा उपयोगकर्ताओं और हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 150 अधिकारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। इनके अलावा, खुले पंजीकरण के माध्यम से आमंत्रित 50 डेटा उपयोगकर्ताओं ने जीवंत चर्चाओं में अपना योगदान दिया। इस सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिभागी यूट्यूब (YouTube) के माध्यम से भी शामिल हुए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग और मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक डॉ. एन. भानुमूर्ति भी उपस्थित थे। सम्मेलन में एनएससी और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की संचालन समिति के सम्मानित सदस्य भी उपस्थित थे। विभिन्न संगठनों के सदस्य भी इस अवसर पर मौजूद थे।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की महानिदेशक गीता सिंह राठौर ने सभी उपस्थित लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने असंगठित क्षेत्र के उद्यमों की आर्थिक और परिचालन विशेषताओं को समझने में इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए एएसयूएसई का एक व्यावहारिक परिचय दिया। उन्होंने अपने संबोधन में सटीक निर्णय लेने और रणनीतिक योजना बनाने के लिए डेटा का लाभ उठाने में सहयोगी प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने इस सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और महत्वपूर्ण डेटा को सबसे आगे लाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण पर पिछले डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन के सफल आयोजन की सराहना की और अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र के योगदान को समझने में एएसयूएसई डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज की दुनिया में सटीक निर्णय लेने और रणनीतिक योजना बनाने के लिए डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न विशाल जानकारी में नई अंतर्दृष्टि प्रकट करने, नवाचार को बढ़ावा देने और जटिल सामाजिक मुद्दों से निपटने की शक्ति है। हालांकि, डेटा का वास्तविक मोल केवल इसे इकट्ठा करने में नहीं है, बल्कि इसकी सही ढंग से व्याख्या करने और इसे प्रभावी रूप से लागू करने में है। डेटा की ठोस समझ नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और हितधारकों को केंद्रित हस्तक्षेप करने और संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में है। डेटा की ठोस समझ यह सुनिश्चित करने की अनुमति देती है कि विकास के प्रयास समावेशी और टिकाऊ दोनों हों।
मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक डॉ. एन. भानुमूर्ति ने एक आकर्षक और विशेष भाषण दिया। इसमें उन्होंने प्रभावी आर्थिक नीतियों को आकार देने में डेटा के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे एएसयूएसई डेटा असंगठित क्षेत्र की महत्वपूर्ण समझ प्रदान करता है, जो आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास का समर्थन करने वाली नीतियों को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर ने डेटा प्रक्रियाओं को मजबूत करने और रिपोर्ट जारी करने के समय को कम करने में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने असंगठित क्षेत्र में विस्तृत जानकारी प्रदान करने में एएसयूएसई के महत्व पर जोर दिया और इस क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों से निपटने और अवसरों का लाभ उठाने वाली नीतियों को तैयार करने में इस डेटा के उपयोग की वकालत की।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद, एएसयूएसई के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। सम्मेलन में तीन व्यावहारिक तकनीकी सत्र शामिल थे:
- एएसयूएसई के उद्देश्य, अवधारणाएं और परिभाषाएं, सर्वेक्षण पद्धतियां, एएसयूएसई का नमूनाकरण डिज़ाइन और प्रमुख परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी।
- गुणक का उपयोग करके सारणीकरण के लिए इकाई स्तर के डेटा को समझना और डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अपनाए जाने वाले चरण। बेहतर विश्लेषण के लिए इकाई स्तर के डेटा का उपयोग करना।
- एएसयूएसई की डेटा संग्रह प्रक्रिया
सम्मेलन में “डेटा के माध्यम से हितधारक जुड़ाव को बढ़ाना” विषय पर एक सक्रिय पैनल चर्चा हुई। इस चर्चा में एएसयूएसई डेटा के मूल्य और उपयोगिता का पता लगाया गया, इसकी स्पष्टता और उपयोगिता का आकलन किया गया और हितधारकों के साथ बेहतर संचार के लिए सुधार प्रस्तावित किए गए। इसमें सहयोगात्मक सहभागिता को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई, जिसमें डेटा चर्चाओं के लिए समावेशी वातावरण बनाना और बेहतर बातचीत के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना शामिल है। इस चर्चा में हितधारकों की सहभागिता को बढ़ावा देने और निर्णय लेने में सुधार के लिए डेटा प्रक्रियाओं और प्रस्तुति को परिष्कृत करने की जरूरत पर जोर दिया गया।
संवादात्मक सत्र और पैनल चर्चाओं में खुली चर्चाएं हुईं और प्रश्नोत्तर सत्र भी चलाया गया। इससे उपस्थित लोगों को प्रश्न पूछने, अपने विचार साझा करने और एएसयूएसई परिणामों पर प्रतिक्रिया देने का मौका मिला। इस सहभागिता से डेटा के बेहतर उपयोग को बढ़ावा मिलने और सभी क्षेत्रों में बेहतरीन निर्णय लेने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
सम्मेलन साक्ष्य-आधारित नीतियों और सतत विकास के लिए डेटा का लाभ उठाने की सहयोग और प्रतिबद्धता की भावना के साथ संपन्न हुआ। इस समम्लन ने एक उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया।
अधिक जानकारी और एएसयूएसई सर्वेक्षणों से विस्तृत रिपोर्ट और इकाई-स्तरीय डेटा को पढ़ने-समझने के लिए, कृपया एमओएसपीआई की वेबसाइट www.mospi.gov.in पर जाएं।