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TDB announces financial assistance for the project named ‘Space Grade Solar Array Fabrication and Test Facility’ of Hyderabad based Ms Dhruv Space Pvt. Ltd.
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TDB ने हैदराबाद स्थित मेसर्स ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड की ‘अंतरिक्ष ग्रेड सौर सरणी निर्माण और परीक्षण सुविधा’ नामक परियोजना के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की

अंतरिक्ष क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपाय करते हुए और स्वदेशी क्षमताओं को आगे बढ़ाने के अपने मिशन के अनुरूप कदम उठाते हुए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने हैदराबाद स्थित मेसर्स ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड की ‘अंतरिक्ष ग्रेड सौर सरणी निर्माण और परीक्षण सुविधा’ नामक परियोजना के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। टीडीबी ने इस अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता मंजूर की है जो अंतरिक्ष उद्योग में तकनीकी प्रगति सुनिश्चित करने की परियोजना की विशिष्‍ट क्षमता में उसके ठोस विश्वास को दर्शाता है।

टीडीबी की वित्तीय सहायता से ध्रुव स्पेस अंतरिक्ष ग्रेड सौर सरणी निर्माण और परीक्षण प्रक्रियाओं को विकसित करने और उनका व्यवसायीकरण करने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल कर रही है जो अंतरिक्ष यान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए अनुकूल होंगी। इस परियोजना का मुख्‍य उद्देश्य सौर पैनल के निर्माण में तकनीकी नवाचारों को आगे बढ़ाना है, ताकि ऑन-ऑर्बिट उपयोग की अहम जरूरतों को पूरा किया जा सके।

इस परियोजना में कई प्रमुख नवाचार शामिल हैं जिनमें सब्सट्रेट-साइड आईपी के लिए कार्बन फाइबर और रेजिन जैसी नई सामग्री को अपनाना शामिल है, ताकि प्रदर्शन बेहतर हो सके और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके। इसमें अभिनव स्ट्रिंगिंग और बॉन्डिंग तकनीकों के माध्यम से सोलर सेल असेंबली (एससीए) में प्रक्रिया संबंधी नवाचारों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है। ध्रुव स्पेस का लक्ष्य ट्रिपल-जंक्शन जीएए तकनीक का उपयोग करके उच्च दक्षता वाले सौर पैनल बनाना है जिसका लक्ष्य 30 प्रतिशत तक की दक्षता प्राप्त करना है। इसके अलावा अंतरिक्ष-ग्रेड सौर सरणियों का अनुपालन और प्रमाणन सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष परीक्षण सुविधा विकसित की जाएगी।

इसके अलावा इस परियोजना में अंतरिक्ष-योग्य प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला शामिल है जिसमें सब्सट्रेट का निर्माण, सटीक सेल वेल्डिंग, सुरक्षित सेल बॉन्डिंग, विद्युत हार्नेस का एकीकरण और व्यापक परीक्षण एवं आकलन शामिल है। यांत्रिक परीक्षणों में कंपन, झटका, और पूर्ण-पैनल आकलन शामिल होंगे, जबकि विद्युत संबंधी आकलन के लिए एक ‘विशाल क्षेत्र स्पंदित सूर्य सिम्युलेटर’ का उपयोग किया जाएगा ताकि गहन परीक्षण संभव हो सके। पर्यावरणीय परीक्षण में थर्मो-वैक्यूम चैंबर जैसी स्थिति और ध्वनिक परीक्षण शामिल होंगे, और इसके साथ ही शून्य-गुरुत्वाकर्षण (जीरो जी) परिनियोजन सिमुलेशन भी शामिल होंगे ताकि अंतरिक्ष वाले माहौल में प्रदर्शन का आकलन किया जा सके।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव राजेश कुमार पाठक ने इस पहल के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम अत्याधुनिक अंतरिक्ष-ग्रेड सौर सरणी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के प्रयास में मेसर्स ध्रुव स्पेस की वित्‍तीय सहायता करने को लेकर काफी उत्साहित हैं। यह परियोजना स्वदेश में नवाचार को बढ़ावा देने और स्‍वदेश में उत्पादन करने में भारत की क्षमताओं को मजबूत करने के टीडीबी मिशन के पूरी तरह अनुरूप है जिससे उन्नत और किफायती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की भारत की प्रतिबद्धता को काफी बल मिलेगा।’

ध्रुव स्पेस के सीईओ संजय नेक्कंती ने कहा, ‘ध्रुव स्पेस की महत्वपूर्ण उत्पाद पेशकशों में से एक अहम पेशकश मानवयुक्त और मानवरहित अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए अंतरिक्ष यान सौर सरणी का संपूर्ण डिजाइन, इंजीनियरिंग, असेंबली, एकीकरण और परीक्षण सुनिश्चित करना है। हमारी एक अहम क्षमता बड़े उपग्रहों को अंतरिक्ष ऊर्जा समाधानों की आपूर्ति करना भी है, और हम प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आभारी हैं जिन्होंने हमें इन क्षमताओं को काफी बढ़ाने में सक्षम बनाया है जहां हमने न केवल भारत में, बल्कि विदेश में भी काफी प्रगति देखी है।’

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