पाकिस्तान में अशांत बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर में बलोच लोगों के अधिकारों के लिए धरना के बाद प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प हुई जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए तथा कई अन्य जख्मी हुए।
बलूचिस्तान यकजेहती समिति (बीवाईसी) द्वारा आयोजित धरना रविवार को शुरू हुआ और सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में 14 लोगों सहित कई लोग जख्मी हो गए। बीवाईसी बलूचिस्तान प्रांत के लोगों के अधिकारों और उसके प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए प्रदर्शन कर रही है।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने ग्वादर जाने वाले रास्तों की ओर अवरोधक लगा दिए, फिर भी बड़ी संख्या में लोग ‘बलोच राजी मुची’ (बलोच राष्ट्रीय सभा) के लिए मरीन ड्राइव पर जमा होने में कामयाब रहे। जब लोगों ने मरीन ड्राइव पहुंचना शुरू किया तो कुछ जांच चौकियों और ग्वादर के पास सुरक्षा बलों के साथ झड़पों की खबर है। प्रदर्शनकारियों द्वारा कुछ चौकियों पर हमला करने की भी रिपोर्ट है जिसके बाद सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां चलानी पड़ीं।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई तथा 28 लोग जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्वादर के सरकारी अस्पताल में तीन शव हैं तथा आठ लोग जख्मी हैं। सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम को झड़पों के दौरान गोलीबारी की, जिसमें मस्तुंग में 14 लोग घायल हो गए। रविवार को तुरबत में चार अन्य लोग जख्मी हुए।
ग्वादर में सभा को संबोधित करते हुए, बीवाईसी नेता डॉ. महरंग बलोच और अन्य लोगों ने बलोच लोगों के अधिकारों और प्रांत के संसाधनों की सुरक्षा के लिए अपने संघर्ष को नहीं छोड़ने का संकल्प लिया। अधिकारियों ने बताया कि रविवार से प्रांत के कई हिस्सों में जनजीवन पटरी से उतर गया है और ग्वादर और क्वेटा की ओर जाने वाली सड़कें और राजमार्ग प्रदर्शनकारियों या सुरक्षाकर्मियों द्वारा अवरुद्ध कर दिए गए हैं। गोलीबारी के विरोध में प्रांत के लिए कई हिस्सों में हड़ताल रही।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तानी अधिकारियों से बलूचिस्तान में इंटरनेट प्रतिबंध और ग्वादर जाने वाले रास्ते से अवरोधों को हटाकर राष्ट्र और अंतरारष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने का आग्रह किया।